school news
ग्वालियर. दशहरे की छुट्टियों के बाद स्कूलों में पढ़ाई की रफ्तार तेज होने जा रही है। शिक्षा विभाग ने कमजोर बच्चों को मुख्यधारा में लाने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। दशहरे के तुरंत बाद रेमेडियल क्लासेस शुरू की जाएंगी, ताकि कोई भी बच्चा पढ़ाई में पीछे न रहे और आने वाली छमाही व वार्षिक परीक्षाओं में बेहतर प्रदर्शन कर सके। अफसरों ने बताया कि त्रैमासिक (तिमाही) परीक्षा के परिणामों के आधार पर उन छात्र-छात्राओं की पहचान की गई है जिनकी परफॉर्मेंस कमजोर पाई गई थी। अक्टूबर के अंतिम सप्ताह से इन बच्चों के लिए विशेष रेमेडियल क्लासेस शुरू होंगी।
शिक्षकों को निर्देश दिए गए हैं कि वे बच्चों को विषयवार अभ्यास कराएं और कॉन्सेप्ट को दोबारा समझाएं ताकि उनकी नींव मजबूत हो। अब नवंबर से छमाही परीक्षाएं आयोजित की जाएंगी। शिक्षा विभाग ने सभी स्कूलों को समय पर सिलेबस पूरा करने और बच्चों को परीक्षा के लिए तैयार करने के निर्देश दिए हैं। विभाग का मानना है कि रेमेडियल क्लासेस से न सिर्फ बच्चों का आत्मविश्वास बढ़ेगा, बल्कि उनके परिणामों में भी महत्वपूर्ण सुधार होगा।
माध्यमिक शिक्षा मंडल की हाईस्कूल और हायर सेकंडरी की बोर्ड परीक्षाएं फरवरी में शुरू होने जा रही हैं। अभी तिमाही परीक्षा हुई है, नवंबर में छमाही और फरवरी में वार्षिक परीक्षाएं होंगी। ऐसे में कई स्कूलों में अभी तक सिर्फ 10 से 25 प्रतिशत ही कोर्स पूरा हो पाया है। इस स्थिति में ’डी’ और ’ई’ कैटेगरी वाले छात्रों के लिए रेमेडियल कक्षाएं शुरू करवाना एक चुनौती भरा काम है। हालांकि, इन कक्षाओं से बच्चों को समय पर कोर्स पूरा करने और परीक्षा की तैयारी करने में काफी मदद मिलेगी। यह पहल निश्चित रूप से छात्रों के हित में एक सकारात्मक कदम है।
रेमेडियल क्लासेस में उन विद्यार्थियों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा जिन्होंने त्रैमासिक परीक्षा में ग्रेड ’डी’ या ’ई’ प्राप्त किया है। ये कक्षाएं स्कूल के समय से पूर्व, छुट्टी होने के बाद या विद्यार्थियों की सुविधानुसार एक घंटे के लिए लगाई जाएंगी।
Published on:
30 Sept 2025 06:56 pm
बड़ी खबरें
View Allग्वालियर
मध्य प्रदेश न्यूज़
ट्रेंडिंग