Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

पाकिस्तान पर गरजे CDS अनिल चौहान, परमाणु धमकी के आगे नहीं झुकेगा भारत

CDS Anil Chauhan Slams Pakistan : सिंधिया स्कूल के 128वें स्थापना दिवस समारोह में शामिल हुए CDS अनिल चौहान ने एमपी की धरती से पाकिस्तान को जमकर लताड़ लगई। उन्होंने कहा- 'भारत इनकी परमाणु धमकियों के आगे नहीं झुकेगा।' 'न्यू नॉर्मल' के मायने भी बताए।

4 min read
CDS Anil Chauhan Slams Pakistan

पाकिस्तान पर गरजे CDS अनिल चौहान (Photo Source- Patrika)

CDS Anil Chauhan Slams Pakistan : मध्य प्रदेश के ग्वालियर में स्थित सिंधिया स्कूल के 128वें स्थापना दिवस समारोह में भारत के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया स्कूल के बोर्ड ऑफ गवर्नर के प्रेसिडेंट होने के नाते आयोजन में मौजूद थे। इस दौरान सीडीएस चौहान ने छात्रों को संबोधित करते सेना की भूमिका और उसके महत्व बताया। साथ ही, हालिया चर्चा में रहे ऑपरेशन सिंदूर के बारे में भी अवगत कराया।

सीडीएस अनिल चौहान ने छात्रों को संबोधित करते हुए पाकिस्तान के बारे में बताया कि, किस तरह हमारा देश भारत खेल के मैदान से लेकर युद्ध के मैदान तक पाकिस्तान को सबक सिखाता रहा है। इस दौरान उन्होंने मंच से गरजते हुए कहा कि, भारत परमाणु धमकी के आगे नहीं झुकेगा।

'न्यू नॉर्मल' शब्द से शुरुआत

सोमवार को ग्वालियर फोर्ट स्थित स्कूल परिसर में सिंधिया स्कूल का 128वां स्थापना दिवस समारोह आयोजित किया गया। कार्यक्रम में देश के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल हुए। सीडीएस अनिल चौहान ने अपने संबोधन की शुरुआत ऑपरेशन सिंदूर से करते हुए कहा कि, समाज के सभी वर्गों को, छात्रों के साथ साथ राष्ट्र की सुरक्षा से जुड़े मुद्दों पर भी गहरी रुचि रखनी चाहिए। मैं अपनी बात की शुरुआत 'न्यू नॉर्मल' शब्द से करना चाहता हूं, जिसे हाल के समय में हमारे प्रधानमंत्री, रक्षा मंत्री और पूर्व विदेश सचिव ने भी कई बार इस्तेमाल किया। न्यू नॉर्मल का अर्थ है- किसी संकट के बाद बना नया परिवेश, जहां नए नियम बनते हैं, ताकि भविष्य में उस संकट से बेहतर तरीके से निपटा जा सके या उसे टाला जा सके। संकट के बाद की स्थिति, पूर्व स्थिति से हमेशा अलग होती है। इस तरह 'न्यू नॉर्मल' के कई उदाहरण हमारे हाल के इतिहास में हैं, जैसे…

-नोटबंदी के बाद डिजिटल भुगतान को जो बढ़ावा मिला, उसने हमारी अर्थव्यवस्था की संरचना ही बदल दी।
-कोविड महामारी ने 'वर्क फ्रॉम होम', सोशल डिस्टेंस, मास्क, सैनिटाइज़र जैसी नई व्यवस्थाओं को पैदा किया।
-गलवान संघर्ष के बाद भारत और चीन के बीच एलएसी पर नए व्यवहार और नियम बने।

सुरक्षा के क्षेत्र में नया 'न्यू नॉर्मल'

सीडीएस अनिल चौहान के अनुसार, सुरक्षा के क्षेत्र में जो नया 'न्यू नॉर्मल' उभरकर सामने आया है, वो हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्धारित कुछ मूलभूत सिद्धांतों पर आधारित है, जैसे..

-बातचीत और आतंकवाद साथ-साथ नहीं चल सकते।
-अगर बातचीत होगी, तो सिर्फ आतंकवाद पर होगी।
-पानी और खून एक साथ नहीं बह सकते।
-आतंकवादी केवल प्रॉक्सी होंगे, लेकिन उनके हैंडलर्स भी समान रूप से जिम्मेदार माने जाएंगे।
-सीमा पार से आतंकवाद का उचित जवाब मिलेगा।
-भारत परमाणु धमकी के आगे नहीं झुकेगा।

पाकिस्तान की राजनीति और सैन्य नीतियों में व्यवहार परिवर्तन लाने की कोशिश

अनिल चौहान के अनुसार, ये सिद्धांत न सिर्फ हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा नीति को परिभाषित करते हैं, बल्कि पाकिस्तान से हमारे भविष्य के संबंधों को भी प्रभावित करते हैं। ये नया 'न्यू नॉर्मल', पाकिस्तान की राजनीति और सैन्य नीतियों में व्यवहार परिवर्तन लाने की एक कोशिश है, ताकि वो आतंकवाद को राज्य नीति का औजार बनाना बंद करे। लेकिन, ये तभी संभव है जब इस नए 'न्यू नॉर्मल' के प्रभाव पाकिस्तान को स्पष्ट रूप से दिखें। चाहे वो हमारे सैन्य सिद्धांतों, युद्ध संरचना, बलों की तैनाती या रणनीतिक रणनीति में हो।

पाकिस्तान को हराना नया 'न्यू नॉर्मल'

सीडीएस ने ये भी कहा कि, सैन्य कार्रवाइयों के साथ-साथ ये राजनयिक, सामाजिक और सांस्कृतिक स्तरों पर भी समान दृष्टिकोण की मांग करता है। क्रिकेट के क्षेत्र में भी, एशिया कप के बाद भारतीय टीम की प्रतिक्रिया-एक संदेश था, शायद उसी 'न्यू नॉर्मल' का हिस्सा। थोड़ा हल्के अंदाज़ में कहें तो पाकिस्तान को हर क्षेत्र में, चाहे खेल हो या सुरक्षा-निर्णायक रूप से हराना भी अब 'न्यू नॉर्मल' बन गया है।

सैन्य दृष्टिकोण से इस “न्यू नॉर्मल” के मायने

इसमें काइनेटिक (बल प्रयोग वाले) और नॉन-काइनेटिक (जैसे साइबर, इलेक्ट्रॉनिक, मनोवैज्ञानिक) दोनों प्रकार की कार्रवाई शामिल है, जिससे आतंकवादी और उनका ढांचा नष्ट किया जा सके। जो भी ताकतें इस लक्ष्य में बाधा डालेंगी, वह भी भविष्य में वैध लक्ष्य होंगी। इसके लिए हमें 24×7, 365 दिन की ऑपरेशनल तैयारी रखनी होगी, ताकि त्वरित प्रतिक्रिया दी जा सके। अगर ऑपरेशन शीघ्र शुरू होते हैं, तो अधिक विकल्प खुले रहते हैं, जो समय के साथ बंद हो जाते हैं। हमारे लिए ज़रूरी होगा कि हम पाकिस्तान की संपूर्ण निगरानी करें (ISR – Intelligence, Surveillance, Reconnaissance), सटीक और लंबी दूरी तक वार करने की क्षमता बनाए रखें। वायु रक्षा, इलेक्ट्रॉनिक युद्ध, ड्रोन-रोधी प्रणालियों में दक्षता बढ़ाएं।

ऑपरेशन सिंदूर की प्रमुख उपलब्धि

पाकिस्तान ने परमाणु हथियार प्राप्त कर लिए, तो उसे लगा कि भारत का पारंपरिक सैन्य दबदबा खत्म हो गया। फिर उसने “हज़ार घावों से भारत को रक्तस्राव” करने की नीति अपनाई। उन्होंने कहा कि हमने उरी, पठानकोट, पुलवामा जैसे हमले देखे, जिनमें सैनिकों को निशाना बनाया गया। भारत के संयम को उनकी कमजोरी माना गया। लेकिन फिर, भारतीय सशस्त्र बलों ने एक डायनामिक रिस्पॉन्स स्ट्रैटेजी अपनाई, जिसमें यह मान लिया गया कि आतंक और परमाणु युद्ध के बीच एक जगह है, जहां हम सख्ती से जवाब दे सकते हैं। ऑपरेशन सिंदूर ने इस धारणा को सिद्ध कर दिया। अब समय है कि इसे एक औपचारिक सैन्य सिद्धांत बनाया जाए।

आज के युद्ध की बदलती परिभाषा

CDS ने कहा कि हमने 1965, 1971 जैसे युद्ध देखे, तब विजय के मानक होते थे। कितनी जमीन जीती गई, कितने सैनिक बंदी बनाए गए, कितने हथियार नष्ट किए गए। लेकिन ऑपरेशन सिंदूर ने इन मानकों को बदला है। अब नई विजय की परिभाषा है। स्पीड और टेंपो-तेज़ी और तालमेल से कार्रवाई। मल्टी-डोमेन ऑपरेशन्स-ज़मीन, आसमान, साइबर, स्पेस, सभी में एक साथ लड़ाई। सटीकता, समयबद्धता और स्ट्राइक के बाद प्रभाव का मूल्यांकन। आखिर में हमारे सामने जो चुनौतियां हैं, वे स्थायी हैं। ऑपरेशन सिंदूर सिर्फ अस्थायी रूप से रुका है। अनिल चौहान ने कहा- 'न्यू नॉर्मल' की ये दिशा, भारत को एक मजबूत, आत्मनिर्भर और सुरक्षित राष्ट्र बनाने की तरफ ले जाएगी।