- ग्वालियर की सड़कें हाइवे से भी ज़्यादा जानलेवा, ट्रैफिक पुलिस की लापरवाही, हादसों पर नियंत्रण नहीं
- पिछले 15 दिन में 40 गाड़ियों की टक्कर, 30 घायल, 19 हादसे शहर की सड़कों पर, बन रहे नए ब्लैक स्पॉट
ग्वालियर: ग्वालियर शहर की सड़कें अब हाइवे से भी ज़्यादा जानलेवा साबित हो रही हैं। ट्रैफिक पुलिस भले ही ब्लैक स्पॉट की गिनती में छंटनी कर अपनी पीठ थपथपा रही हो, लेकिन हकीकत यह है कि शहर में सड़क हादसे लगातार बढ़ रहे हैं और इनमें लोगों की जान जा रही है। पिछले 15 दिनों में ही शहर से देहात तक की सड़कों पर 40 गाड़ियों की टक्कर हुई। इन हादसों में 30 लोग घायल हुए, 4 की मौत हुई और 7 मवेशी अपाहिज हुए, जबकि 12 की जान गई है। ट्रैफिक पुलिस नए सिरे से सर्वे करे तो शहर में कुछ और ब्लैक स्पॉट सामने आ सकते हैं, लेकिन पुलिस आंकड़ों की बाजीगरी कर इन्हें घटा रही है।
सबसे चिंताजनक बात यह है कि 19 हादसे तो शहर की सात सड़कों (महाराजपुरा, गोला का मंदिर, बहोड़ापुर, विश्वविद्यालय, थाटीपुर, मुरार और हजीरा) पर हुए हैं। इन हादसों में 3 राहगीरों समेत 7 बेजुबानों की मौत हुई है, जबकि 16 लोग और 7 मवेशी घायल हैं। यह आंकड़े साफ बताते हैं कि शहर की सड़कें हाइवे और देहात के रास्तों से ज़्यादा खतरनाक हैं। लेकिन ट्रैफिक पुलिस इन आंकड़ों को छुपाने और शहर की सड़कों को सुरक्षित बताने में लगी है।रात में बेकाबू हो रही गाड़ियां
- ज़्यादातर हादसे रात में हुए हैं। रात के वक्त 13 और घातक एक्सीडेंट हुए हैं, जबकि शाम को गाड़ियों के टकराने के 10 मामले सामने आए हैं। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि रात के वक्त सड़कों पर पुलिस की निगरानी कम होती है, इसलिए लोग तेज़ रफ़्तार और नशे में गाड़ियां चलाते हैं, जिससे एक्सीडेंट का खतरा बढ़ जाता है।छह ब्लैक स्पॉट, एक घटाजिले में छह रास्तों को ब्लैक स्पॉट के दायरे में रखा गया है। इनमें सिकरौदा तिराहा (सिरोल), जौरासी घाटी (बिलौआ), सिमरिया टेकरी (डबरा), कल्याणी तिराहा (आतंरी) अर्रु तिराहा (डबरा) और बिलौआ तिराहा को रखा गया है। इस गिनती से पिछले साल पुरानी छावनी के आनंदपुर ट्रस्ट के सामने को हटाया गया है।ब्लैक स्पॉट की परिभाषा
यातायात पुलिस के अनुसार, पिछले तीन सालों में किसी रास्ते (नेशनल हाइवे, स्टेट हाइवे या अन्य सड़क) का 500 मीटर का दायरा जिनमें 5 से ज़्यादा घातक सड़क हादसे हुए हों, जिनमें मृत्यु या गंभीर रूप से व्यक्ति घायल हुए हों या फिर 3 साल में 10 से ज़्यादा लोगों की एक्सीडेंट में मृत्यु हुई हो, को ब्लैक स्पॉट के दायरे में रखा जाता है।
क्या कहते हैं अधिकारी ?जिले में छह रास्तों को ब्लैक स्पॉट घोषित किया गया है और ये सभी रास्ते शहर के बाहर के हैं। हालांकि, शहर में लगातार हो रहे सड़क हादसों को देखते हुए यह कहना मुश्किल है कि क्या ट्रैफिक पुलिस सही आंकड़े पेश कर रही है या नहीं। यह ज़रूरी है कि ट्रैफिक पुलिस शहर में ट्रैफिक नियमों का पालन करवाए और लापरवाह ड्राइवरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करे ताकि सड़क हादसों को कम किया जा सके।अजीत सिंह चौहान, यातायात डीएसपीफैक्ट फाइल:- यह रास्ते भी खतरनाक एक्सीडेंटकरियावटी भितरवार - 5- मुरार चितौरा रोड, बिजौली- 7पनिहार टोल प्लाजा 4- जलालपुर तिराहा 3बेला की वाबड़ी गिरवाई 3- बिरलानगर हजीरा 4लक्ष्मणगढ महाराजपुरा 4---------हाइवे को मात दे रही शहर की सडक़ेंथाना एक्सीडेंट घायल मौतमहाराजपुरा 2 2 राहगीर7 गाय 7 की मौतगोला का मंदिर 3 4 1विश्वविद्यालय 4 4 -बहोडापुर 3 1 आरक्षक को बोनट पर टांगाथाटीपुर 2 - 1 बछड़े की मौतमुरार 3 2 -हजीरा 2 1 -पड़ाव 2 2 नाबालिग ने आरक्षक को बोनट पर लटकाया -हाइवे और देहात के रास्तों का ब्यौराथाना एक्सीडेंट घायल मौतपुरानी छावनी 2 2 -सिरोल 2 2 1घाटीगांव 3 2 -पनिहार 5 2 17 गाय की मौतपिछोर 1 1 -गिरवाई 1 1 -डबरा 3 2 -हस्तिनापुर 1 1 -भितरवार 1 1 1
Published on:
16 Sept 2025 11:14 pm
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