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Shardiya Navratri 2023- बेहद खास है इस साल की शारदीय नवरात्र, जानें क्यों? और कब से होगी शुरुआत

- नवरात्र महोत्सव 15 अक्टूबर से: हाथी पर सवार होकर आएंगी मां दुर्गा, सुख, धन और वैभव में होगी समृद्धि

2 min read

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Deepesh Tiwari

Oct 03, 2023

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देवी शक्ति की पूजा व आस्था के महापर्व शारदीय नवरात्रि की शुरुआत इस साल यानि 2023 में रविवार, 15 अक्टूबर से होने जा रही है। ऐेसे में इन 9 दिनों तक माता के भक्त देवी दुर्गा के 9 स्वरूपों की विधि विधान से पूजा करेंगे। वहीं साल 2023 में शारदीय नवरात्रि का समापन मंगलवार, 24 अक्टूबर 2023 को होगा। हिंदू कैलेंडर के अनुसार हर साल अश्विन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि पर देवी दुर्गा का आगमन धरती पर होता है।

इस दौरान देवी दुर्गा घर-घर में विराजमान होती है। यहां आपको इस बात की भी जानकारी दे दें कि हर साल शारदीय नवरात्रि में मां दुर्गा के आगमन और प्रस्थान की वाहन बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है क्योंकि मां दुर्गा की अलग-अलग सवारी अलग—अलग संकेत देती है, इनमें जहां कुछ कई शुभ तो अशुभ की ओर भी इशारा करती है। तो चलिए ऐसे में जानते हैं साल 2023 में शारदीय नवरात्रि में माता की सवारी क्या होगी।

दरअसल साल 2023 में शारदीय नवरात्र का त्योहार 15 अक्टूबर से चित्रा नक्षत्र एवं तुला राशि के चंद्रमा की साक्षी में शुरू होगा। इस साल माता की आराधना भी इस बार पूरे नौ दिन होगी यानि कोई भी तिथि गल नहीं रही है। इस दौरान सूर्य, बुध का कन्या राशि में गोचर बुधादित्य योग का निर्माण कर रहा है। वहीं इस बार शारदीय नवरात्र की शुरुआत संयोग से रविवार को हो रही है, जिसके चलते ये समय साधना की सफलता के नए आयाम देगा। इस संबंध में उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. अमर डब्बावाला का कहना है कि इस बार माता का आगमन हाथी पर हो रहा है, जिससे सुख, धन, वैभव और समृद्धि आएगी। जबकि वहीं माता का प्रस्थान मंगलवार को होने के चलते उस समय वाहन मुर्गा होगा, जिसे प्राकृतिक आपदा का संकेत माना गया है।

यहां ये भी जान लें कि जब रविवार या सोमवार से नवात्रि की शुरुआत होती है, तो ऐसे में मां दुर्गा हाथी पर सावर होकर आती हैं, जो खुशहाली का संकेत माना जाता है। वहीं जब बुधवार के दिन मां दुर्गा नाव पर आती हैं, तो माना जाता है कि उस साल देश में अच्छी तरक्की होती है। जबकि नवरात्रि गुरुवार या शुक्रवार से शुरू होने पर मां दुर्गा डोली में बैठकर आती हैं, जो महामारी की ओर इशारा देता है। इसके अलावा यदि मां मंगलवार और शनिवार को आएं तो उनका आगमन घोड़े पर होता है, जिसे अशुभ माना जाता है।


कब क्या है...

15 अक्टूबर- नवरात्र आरंभ

19 अक्टूबर को ललिता पंचमी

22 अक्टूबर दुर्गा अष्टमी, महाष्टमी

23 अक्टूबर महानवमी उत्थापन

24 अक्टूबर विजयादशमी, अपराजिता पूजन, शमी पूजन

26 अक्टूबर सर्वार्थ सिद्धि योग प्रात: 6.31 से शाम 6.00 बजे तक

27 अक्टूबर अमृतसिद्धि योग प्रात: 9.30 बजे से रात्रि पर्यंत

28 अक्टूबर शरद पूर्णिमा के साथ चंद्र ग्रहण