Tiddi Attack : टिड्डी हमले से निपटने के पूरी तैयारी : कैलाश चौधरी
डूंगरपुर। आसमान से सोमवार को आई टिड्डी दल ( Tiddi Attack ) की आफत अब डूंगरपुर शहर ( Locust attack in Dungarpur ) में भी पहुंच गई है। जिसके बाद प्रशासन अलर्ट मोड़ पर है। नगरपरिषद ने अलर्ट होते हुए बाग बगीचों की हिफाजत के लिए कार्मिक तैनात किए है। आमजन से शोरगुल कर टिड्डियों को भगाने का आव्हान किया गया है।
गुजरात की ओर से लाखों की तादाद में टिड्डियों के झुण्ड ने बिछीवाड़ा उपखंड क्षेत्र के सीमावर्ती मोदर गांव से जिले में प्रवेश किया। ग्रामीणों की ओर से शोरगुल करने और हवा के रूख के चलते टिड्डी दल चुण्डावाड़ा, बिछीवाड़ा होते हुए बिलपण पहुंचा वहां पड़ाव भी दिखा, लेकिन थोड़ी देर बाद ही दल वापस उड़ गया। रात साढ़े सात बजे दल की लोकेशन आंतरसोबा गांव के समीप मिली। गुजरात से मिली सूचना के आधार पर जिला प्रशासन ने अलर्ट जारी किया। कलक्टर के निर्देश पर नगरपरिषद का दमकल वाहन और दल केमिकल छिडक़ाव के लिए हुआ।
जिले से सटे गुजरात राज्य की ओर से सोमवार को टिड्डी दल ने राजस्थान का रूख किया। इस पर गुजरात प्रशासन की ओर से जिला कलक्टर कानाराम को सूचना दी गई। कलक्टर ने सभी संबंधित अधिकारियों और कृषि विभाग को अलर्ट किया। सोमवार शाम को सीमावर्ती मोदर गांव की ओर से टिड्डी दल ने राजस्थान में प्रवेश किया। प्रसिद्ध नागफणी तीर्थ मोदर के पास टिड्डी दिखने पर मंदिर के प्रतिष्ठा आचार्य बृजेश शास्त्री सहित आसपास मौजूद लोगों ने हो हल्ला किया। इससे दल आगे बढ़ गया। इस के बाद चुण्डावाड़ा पंचायत क्षेत्र में प्रकाश अरोड़ा के खेतों के ऊपर से दल गुजरने पर उसने भी भगाने की कोशिश की। कपड़े से झपट्टा मारने पर एक-दो टिड्डियां नीचे भी गिरी। थोड़ी ही देर में बिछीवाड़ा कस्बे से गुजर रहे राष्ट्रीय राजमार्ग के ऊपर टिड्डी दल मंडराता नजर आने लगा। यहां भी लोगों ने हो हल्ला किया। हवा के साथ दल आगे बढ़ गया। देर शाम को बिलपण गांव में दल के पेड़ों पर बैठने की सूचना मिली। इस पर कलक्टर के निर्देश पर जिला मुख्यालय से नगरपरिषद का दमकल दल केमिकल छिडक़ाव के लिए रवाना हुआ। इस बीच टिड्डी के आंतरसोबा गांव पहुंचने की सूचना मिली। इस पर टीम ने वहां का रूख किया। जिला कलक्टर कानाराम ने बताया कि दल हवा के रूख के साथ आगे बढ़ रहा है। इसका दायरा करीब एक से डेढ़ किलोमीटर है। दल को नियंत्रित करने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं।
आमजन को सलाह, ढोल बजाए
उप निदेशक कृषि विस्तार गौरीशंकर कटारा ने बताया कि टिड्डी दल की अंतिम लोकेशन आंतरसोबा गांव के पास आई है। दल अगर वहां पड़ाव डालता है तो वहीं केमिकल छिडक़ाव कर उन्हें मारने का प्रयास किया जाएगा। किसानों और आमजन को सलाह है कि टिड्डी दल दिखने पर जोर-जोर से शोर करें, ढोल-थाली बजाए या म्यूजिक सिस्टम बजाए। इससे दल नीचे नहीं उतरेगा तथा हवा के रूख के साथ आगे बढ़ जाएगा।
Published on:
16 Jun 2020 12:49 pm
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