Calcium Deficiency : जानिए शरीर को रोज कितने कैल्शियम की जरूरत है और खाने का सही समय (फोटो सोर्स: AI image@Gemini)
How Much Calcium Body Needs Daily : कैल्शियम हमारे शरीर का सबसे जरूरी और सबसे अधिक पाया जाने वाला खनिज है। यह हमें खाने-पीने की चीजों से मिलता है कुछ चीजों में अलग से मिलाया जाता है, कुछ दवाइयों (जैसे एंटासिड) में भी होता है और बाजार में सप्लीमेंट के रूप में भी आसानी से मिल जाता है।
हमारी हड्डियां और दांत ज्यादातर कैल्शियम से बने होते हैं। यही उन्हें मजबूत, सख्त और लचीला बनाए रखता है, ताकि हमारा शरीर आसानी से हिल-डुल सके। इसके अलावा, शरीर के खून और अलग-अलग ऊतकों में मौजूद थोड़ी-सी कैल्शियम की मात्रा कई जरूरी काम करती हैजैसे खून का थक्का जमाना, नसों के जरिए संदेश भेजना, मांसपेशियों का सही से काम करना और हार्मोन रिलीज करना।
नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ हेल्थ के अनुसार, जब हम खाने से कैल्शियम लेते हैं तो यह हमारी आंतों के जरिए शरीर में जाता है। यह दो तरीकों से होता है—एक सक्रिय तरीके से, जिसमें शरीर मेहनत करके कैल्शियम को सोखता है (खासकर जब कैल्शियम की मात्रा कम हो), और दूसरा निष्क्रिय तरीके से, जिसमें कैल्शियम अपने आप धीरे-धीरे शरीर में चला जाता है (जब ज्यादा मात्रा में कैल्शियम हो)।
दूध, दही और पनीर में कैल्शियम की उच्च मात्रा होती है। कुछ गैर-डेयरी खाद्य पदार्थों में भी कैल्शियम होता है, जिनमें कुछ सब्ज़ियां (जैसे, केल, ब्रोकली, चीनी पत्तागोभी) और डिब्बाबंद सार्डिन और हड्डियों सहित सैल्मन शामिल हैं। इसके अलावा, कुछ गैर-डेयरी खाद्य पदार्थ, जैसे कई फलों के रस, दूध के विकल्प, टोफू और अनाज, कैल्शियम से भरपूर होते हैं।
कैल्शियम हमारे शरीर में कितना सोखा जाएगा, यह इस बात पर भी निर्भर करता है कि हम कौन-सा खाना खा रहे हैं।
दूध और दूध से बनी चीजों (जैसे दही, पनीर) से करीब 30% कैल्शियम शरीर आसानी से ले लेता है।
लेकिन कुछ हरी सब्ज़ियों और पौधों से मिलने वाला कैल्शियम कम अवशोषित होता है, क्योंकि उनमें ऐसे तत्व होते हैं जो कैल्शियम को बांधकर शरीर में जाने से रोक देते हैं।
हर दिन शरीर को कितनी कैल्शियम की जरूरत होती है (मिलीग्राम में)
आयु वर्ग | पुरुष (mg) | महिला (mg) | गर्भवती (mg) | स्तनपान कराने वाली (mg) |
---|---|---|---|---|
0–6 महीने* | 200 | 200 | — | — |
7–12 महीने* | 260 | 260 | — | — |
1–3 वर्ष | 700 | 700 | — | — |
4–8 वर्ष | 1,000 | 1,000 | — | — |
9–13 वर्ष | 1,300 | 1,300 | — | — |
14–18 वर्ष | 1,300 | 1,300 | 1,300 | 1,300 |
19–50 वर्ष | 1,000 | 1,000 | 1,000 | 1,000 |
51–70 वर्ष | 1,000 | 1,200 | — | — |
70 वर्ष से अधिक | 1,200 | 1,200 | — | — |
अगर शरीर में कैल्शियम कम हो जाए तो कई तरह की दिक्कतें हो सकती हैं:
कैल्शियम की कमी से हड्डियाँ पतली और नाज़ुक हो जाती हैं। इसे ऑस्टियोपोरोसिस कहते हैं। इसमें हड्डियां जल्दी टूट सकती हैं और गिरने पर फ्रैक्चर का खतरा बढ़ जाता है।
बच्चों में हड्डियों की ठीक से वृद्धि नहीं होती, हड्डियां टेढ़ी-मेढ़ी हो सकती हैं और शरीर का ढांचा बिगड़ सकता है। यह अक्सर विटामिन D की कमी से भी जुड़ा होता है।
यह बच्चों और बड़ों दोनों में हो सकता है। इसमें हड्डियों की मजबूती कम हो जाती है और वे मुलायम पड़ने लगती हैं।
विटामिन D और कैल्शियम दोनों मिलकर हड्डियों को मजबूत रखते हैं। अगर शरीर में विटामिन D कम होगा तो कैल्शियम की जरूरत और बढ़ जाती है।
कैल्शियम खाने का सबसे अच्छा समय नाश्ते के बाद या दोपहर के खाने के बाद है, ताकि शरीर इसे आसानी से सोख सके।
- कैल्शियम खाली पेट नहीं लेना चाहिए।
- शरीर एक बार में सिर्फ़ 500–600 mg तक का कैल्शियम ही ले पाता है, इसलिए अगर डॉक्टर ने ज्यादा कैल्शियम लेने की सलाह दी है तो उसे दो या उससे ज्यादा हिस्सों में बांटकर लेना चाहिए।
- कैल्शियम को शाम या रात में लेने से बचना चाहिए, क्योंकि उस समय इसका असर कम हो जाता है और शरीर इसे ठीक से अवशोषित नहीं कर पाता।
डिसक्लेमर: इस लेख में दी गई जानकारी केवल जागरूकता के लिए है और यह किसी चिकित्सा सलाह का विकल्प नहीं है। पाठकों को सलाह दी जाती है कि वे किसी भी दवा या उपचार को अपनाने से पहले विशेषज्ञ या डॉक्टर से सलाह लें।
Updated on:
04 Oct 2025 04:55 pm
Published on:
20 Sept 2025 12:15 pm
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