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फैल रहा शिक्षा का उजियारा, गांव-गांव में खुल रहीं लाइब्रेरियां

जिले में शिक्षा की दिशा को एक नई ऊर्जा और गति देने का कार्य कर रहे हैं। जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी निवृत्ति सोमनाथ आव्हाद। डिजिटल शिक्षा का उजियारा चंबल के बीहड़, डांग और ग्रामीण इलाके तक पहुंचा रहे हैं। सीईओ और अन्य संस्थाओं के प्रयासों से दिसम्बर अंत तक करीब ८० डिजिटल लाइब्रेरी शुरू हो जाएंगी। वर्तमान में करीब 20 से अधिक लाइब्रेरी खुल चुकी है और अब सप्ताह में एक से दो लाइब्रेरी खुल रही हैं। कुछ लाइब्रेरी तैयार हैं केवल नेट कनेक्शन जोड़ा जा रहा है।

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फैल रहा शिक्षा का उजियारा, गांव-गांव में खुल रहीं लाइब्रेरियां The light of education is spreading, libraries are opening in every village.

- आईएएस अधिकारी सोमनाथ का नई पहल- डांग से लेकर कस्बे तक खुलेंगी दिसम्बर तक ८० डिजिटल लाइबेरी

धौलपुर. जिले में शिक्षा की दिशा को एक नई ऊर्जा और गति देने का कार्य कर रहे हैं। जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी निवृत्ति सोमनाथ आव्हाद। डिजिटल शिक्षा का उजियारा चंबल के बीहड़, डांग और ग्रामीण इलाके तक पहुंचा रहे हैं। सीईओ और अन्य संस्थाओं के प्रयासों से दिसम्बर अंत तक करीब ८० डिजिटल लाइब्रेरी शुरू हो जाएंगी। वर्तमान में करीब 20 से अधिक लाइब्रेरी खुल चुकी है और अब सप्ताह में एक से दो लाइब्रेरी खुल रही हैं। कुछ लाइब्रेरी तैयार हैं केवल नेट कनेक्शन जोड़ा जा रहा है। सीईओ के नए सोच से ग्रामीण क्षेत्र के युवा और छात्राओं में खासा उत्साह है। वजह इन लाइब्रेरी पर कोई फीस नहीं है। छात्र-छात्राएं बेझिझक होकर पढ़ाई कर सकेंगी। विजन के तहत अब ग्राम पंचायत स्तर तक आधुनिक लाइब्रेरियों की स्थापना की जा रही है।

सीईओ आव्हाद ने बताया कि जिले में अब तक २० लाइब्रेरियां शुरू की जा चुकी हैंए जबकि आगामी नवंबर माह में 10 और लाइब्रेरियां शुरू होने जा रही हैं। इसके साथ ही जिले भर में 60 नई लाइब्रेरियों पर तेजी से कार्य चल रहा है, जिन्हें 1 जनवरी 2026 से पूरी तरह शुरू कर दिया जाएगा।

एसबीआई कार्ड द्वारा पूर्ण सहयोग किया जा रहा है। बैंक के संसाधन, पुस्तकें व डिजिटल सामग्री उपलब्ध कराई जा रही हैए जिससे यह पहल और भी मजबूत हो रही है।

सीईओ खुद कर रहे हैं निगरानी और संवाद

सीईओ इस योजना की महज शुरुआत करके पीछे नहीं हटे, बल्कि वे स्वयं इन लाइब्रेरियों में जाकर निरीक्षण कर रहे हैं। वे विद्यार्थियों से सीधे संवाद करते हैंए उनकी पढ़ाई की जरूरतें समझते हैं और वहीं से समाधान भी सुनिश्चित करते हैं। यह सक्रिय भागीदारी उन्हें एक जनसंपर्क और शिक्षा-प्रेमी अधिकारी के रूप में स्थापित करती है।

गांवों में जाग रही है शिक्षा की चेतना

इन लाइब्रेरियों की शुरुआत से ग्राम पंचायत स्तर पर छात्र.छात्राओं में पढ़ाई के प्रति नया उत्साह देखा जा रहा है। न सिर्फ स्कूल और कॉलेज के विद्यार्थी, बल्कि प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे युवा भी इन संसाधनों का लाभ उठा रहे हैं। अभिभावक भी इस पहल से प्रसन्न हैं और इसे ग्रामीण शिक्षा में एक क्रांतिकारी कदम मान रहे हैं। ग्रामीण क्षेत्र में सीईओ के इस कार्य युवाओं में खासा उत्साह है।