धौलपुर. देव स्थान विभाग के मंदिरों पर दीपावली पर्व पर विशेष धार्मिक एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों को लेकर पंचपर्वा दीपावली का आयेाजन हो रहा है। विभाग के अंतर्गत जिले में सात मंदिर हैं जिन पर रोशनी, रंगोली, सफाई समेत अन्य कार्य होने हैं। छोटी दीपावली पर रविवार को रोशनी के लिए मंदिरों पर डाली गई झालर टिमटिमाती दिखी। रोशनी के नाम पर केवल दिखावट की। जबकि राज्य सरकार ने पंचपर्वा उत्सव को लेकर प्रदेश भर के विभागीय मंदिरों के लिए लाखों रुपए का बजट जारी किया है। लेकिन संबंधित एजेंसी ने खानापूर्ति करने का प्रयास किया। पुरानी छावनी समेत अन्य मंदिरों पर कुछ चाइनीज झालर डाल दी। जबकि सरकार अन्य कार्यक्रम सहभागिता से करवा रही है। मंदिरों पर वर्क ऑर्डर के अनुसार खर्चा हुआ है या नहीं इसकी जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी प्रत्येक जिले में बनाई है। जिसकी रिपोर्ट के बाद भी फर्म को भुगतान होगा। यानी प्रसादी बंटी तो कितनी और कितनी झालर व बल्ब मंदिर पर लगे, सभी गिनती होगी।
देवस्थान विभाग के प्रत्यक्ष प्रभारी मंदिर
जिले में देवस्थान विभाग प्रत्यक्ष प्रभार श्रेणी के सात मंदिर हैं। जिसमें पुरानी छावनी में श्रीराम चंद्र जी मंदिर, हनुमान जी एवं श्री गंगा मैया मंदिर छावनी शामिल है। इसी तरह शेरगढ़ किला हनुमान मंदिर, शहर में राधा बिहारी मंदिर, नृसिंह जी मंदिर और शिव बगिया मंदिर शामिल है। इन सभी मंदिरों पर छोटी दीपावली पर रोशनी के लिए झालर इत्यादि डाली हैं लेकिन इनकी संख्या कम है। जो विशाल मंदिरों के लिहाज से ऊंट के मुंह में तिनके के समान है।
ये होने है कार्यक्रम
मंदिरों पर पर्व से पूर्व साफ के लिए स्वच्छता अभियान, जुलाई, सफाई व पुष्प मालाओं से सजावट, मंदिरों में स्थानीय कलाकारों से आकर्षण रंगोली, दीपों व विद्युत लाइटिंग, श्रद्धालुओं की सहभागिता से सामूहिक दीप प्रज्जवलन, मंदिरों पर विशेष महाआरती व भजन संध्या, महाभोग और प्रसाद वितरण एवं मिट्टी के गणेश लक्ष्मी का पूजन कार्यक्रम शमिल हैं।
जांच करेगी तीन सदस्यीय कमेटी
टेंडर जिस फर्म ने लिया है, वह उसके अनुसार कार्य कर रही है या नहीं इसकी जांच के लिए प्रत्येक जिले में तीन सदस्यीय समिति बनाई है। समिति ने रविवार शाम शहर में मंदिरों की रोशनी, सजावट, फूल बंगला, प्रसादी समेत अन्य बिन्दुओं की बारीकी से जांच कर नोटिंग की।
प्रसादी पर खर्च होंगे 21 हजार रुपए
प्रत्येक मंदिर पर पांच दिवसीय कार्यक्रम के लिए करीब डेढ़ से 2 लाख रुपए खर्च होंगे। इसमें अकेले प्रसादी पर 21 हजार रुपए हैं। जिसमें 30 किलो मिठाई आएगी। इसी तरह लाइट, सजावट, फूल, रंगोली और अन्य कार्यक्रम पर खर्चा होगा। संभाग में करीब 157 मंदिर हैं।
Published on:
21 Oct 2025 11:45 am
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