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टूटी लाइन को सही करने के दौरान आधा दर्जन ग्रामीण झुलसे

.बिजली सप्लाई के टूटे तार को सही करने के दौरान करीब आधा दर्जन ग्रामीण करंट से झुलस गए। बताया जा रहा है कि शट डाउन लेने के बाद भी कार्य के दौरान बिजली सप्लाई फिर से शुरू होने के चलते यह हादसा हो गया। ग्रामीण उपखंड के मत्सुरा 33 केवी फीडर से कचेलपुरा गांव को जाने वाली गांव की बिजली सप्लाई के टूटे तार को सही कर रहे थे।

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टूटी लाइन को सही करने के दौरान आधा दर्जन ग्रामीण झुलसे Half a dozen villagers were scorched while repairing a broken line.

ग्रामीण बोले: शट डाउन के बाद लाइन में बिजली कैसे हुई प्रारंभ

ग्रामीणों ने मत्सूरा 33 केवी स्टेशन पर किया विरोध प्रदर्शन

dholpur.बिजली सप्लाई के टूटे तार को सही करने के दौरान करीब आधा दर्जन ग्रामीण करंट से झुलस गए। बताया जा रहा है कि शट डाउन लेने के बाद भी कार्य के दौरान बिजली सप्लाई फिर से शुरू होने के चलते यह हादसा हो गया। ग्रामीण उपखंड के मत्सुरा 33 केवी फीडर से कचेलपुरा गांव को जाने वाली गांव की बिजली सप्लाई के टूटे तार को सही कर रहे थे।

गांव की बिजली सप्लाई का तार सोमवार को टूटने के बाद कोई उसे सही करने नहीं आया तो ग्रामीण खुद उसे सही कर रहे थे। इस दौरान शट डाउन लेने के बाद भी कार्य के दौरान बिजली सप्लाई फिर से शुरू होने के चलते करीब आधा दर्जन ग्रामीणों के झुलस गए। घटना के बाद झुलसे हुए चार ग्रामीणों को परिजन धौलपुर लेकर पहुंचे। वहीं आक्रोशित ग्रामीणों ने 33 केवी फीडर मत्सुरा पर विरोध प्रदर्शन किया।

विरोध प्रदर्शन के दौरान गांव के बुजुर्ग सिरनाम सिंह ने बताया कि सोमवार की शाम को कचेलपुरा गांव को जाने वाली लाइन का तार टूट गया था। जिसकी जानकारी विद्युत विभाग के 33 केवी फीडर पर तैनात लाइन में जितेंद्र मीणा को दी थी। रात भर लाइट नहीं आई। मंगलवार की सुबह ग्रामीणों ने जब लाइनमैन से तार सही करने और बिजली सप्लाई शुरू करने को कहा तो उन्होंने जवाब दिया कि अभी कर्मचारी नहीं है। तुम खुद सही कर लो। इस पर एक दर्जन से अधिक ग्रामीणों ने बिजली के तार को सही करने का निर्णय लिया और लाइनमैन को शटडाउन देने फोन से बोला। ग्रामीणों का आरोप है कि वे जब बिजली के तार को सही करने लगे तो इस दौरान अचानक से तार में करंट आ गया और बिजली के तार को पकड़े खड़े ग्रामीण दूर जाकर गिरे। जिसमे कुछ लोग झुलस गए।

घटना में गांव के कृष्ण कुमार, धर्मेंद्र, हरेंद्र, जितेंद्र, सरनाम और विक्की झुलसे हैं। जिनमें से चार लोगों को परिजन जिला अस्पताल धौलपुर लेकर गए हैं। विरोध प्रदर्शन कर रहे ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि जब बिजली का तार टूटा है और उसको सही करने के लिए ग्रामीण आग्रह करते हैं तो कर्मचारी या तो पैसा मांगते हैं या फिर काम में टालमटोल किया जाता है। इस पर ग्रामीण खुद ही मरम्मत को मजबूर होते हैं। ज्यादातर गांवो में यही स्थिति है। इसी वजह से दुर्घटना होती हैं। जिसमें कर्मचारियों की लापरवाही है। मामले में ग्रामीणों ने घटना को लेकर डिस्कॉम के अधिकारियों से शिकायत की है।

मुझे मामले की जानकारी नहीं है। कोई भी लाइनमैन किसी प्राइवेट आदमी के कहने पर शटडाउन नहीं दे सकता है। मामले में जानकारी करने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है।

-कुलदीप शर्मा, जेईएन डिस्कॉम