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अनजानी कॉल पर नहीं करें भरोसा, न संदिग्ध लिंक करें ओपन

राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा जागरूकता माह के तहत बुधवार को साइबर थाना पुलिस ने राष्ट्रीय मिलिट्री स्कूल में स्टाफ, प्रशासन और छात्र-छात्राओं को साइबर अपराध को लेकर जानकारी दी। विशेषज्ञों ने साइबर अपराधियों के बारे में बताया कि वह किस तरह आमजन को फंसाते हैं।

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अनजानी कॉल पर नहीं करें भरोसा, न संदिग्ध लिंक करें ओपन Don't trust unknown calls or open suspicious links

- राष्ट्रीय मिलिट्री स्कूल में दी जानकारी

राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा जागरूकता माह

धौलपुर. राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा जागरूकता माह के तहत बुधवार को साइबर थाना पुलिस ने राष्ट्रीय मिलिट्री स्कूल में स्टाफ, प्रशासन और छात्र-छात्राओं को साइबर अपराध को लेकर जानकारी दी। विशेषज्ञों ने साइबर अपराधियों के बारे में बताया कि वह किस तरह आमजन को फंसाते हैं। साइबर थाना पुलिस ने जिले के विभिन्न सरकारी एवं निजी विद्यालयों में विद्यार्थियों को सायबर अपराधों से बचाव के लिए जागरूक किया जा रहा है। जो साइबर अपराध की रोकथाम के लिए 31 अक्टूबर तक अभियान चलाया जा रहा है।

राष्ट्रीय मिलिट्री स्कूल में बुधवार को साइबर थाना प्रभारी एवं सीओ शहर मुनेश मीणा के नेतृत्व में साइबर जागरुकता कार्यक्रम आयोजित हुआ।इसमें विद्यार्थियों और स्टाफ को ऑनलाइन ठगी, बैंकिंग फ्रॉड, सोशल मीडिया सुरक्षा, फिशिंग कॉल, ओटीपी शेयरिंग और व्यक्तिगत डेटा सुरक्षा से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी दी गई। साथ ही यह भी बताया गया कि सायबर ठगी होने पर तत्काल पोर्टल पर शिकायत दर्ज करें या 1930 नंबर पर कॉल कर सूचना दें। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि इन कार्यक्रमों का उद्देश्य बच्चों एवं युवाओं में डिजिटल साक्षरता बढ़ाना तथा उन्हें इंटरनेट के सुरक्षित उपयोग के प्रति जागरूक करना है। इस मौके पर कांस्टेबल संजय पुरी और संजय शामिल रहे।

एपीके फाइल फ्रॉड से बचे

कार्यशाला में बताया कि साइबर अपराधी मोबाइल पर भेजी गई संदिग्ध एपीके फाइल इंस्ट्रॉल करवाकर पूरा मोबाइल हैक कर लेते हैं। इससे बचने के लिए केवल आधिकारिक ऐप स्टोर से ही एप डाउनलोड करने एवं व्हाट्स अप, टेलीग्राम आदि में ऑटो डाउनलोड फीचर बंद करने की सलाह दी। बताया कि साइबर अपराधी बैंक अधिकारी एवं टेलीकॅम अधिकारी बनकर कॉल कर कहते हैं कि आपके खाते या सिम की केवाईसी पेडिंग हैं। अभी केवाईसी अपडेट नहीं कराने पर सिम एवं बैंक खाता बंद हो जाएगा। जिसके उपरांत ओटीपी कार्ड नम्बर या यूपीआई पिन लेकर खाते से पैसे उड़ा देते हैं।