ईसर गौरी-गौरा महोत्सव की रौनक! बारात निकली रंगीन, देर रात तक चला विसर्जन..(photo-patrika)
CG News: छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले में इस साल दिवाली और गोवर्धन पूजा दो-दो दिन तक मनाई गई। शहर और गांव में अलग-अलग दिनोें में लोगोें ने उत्साहपूर्वक पर्व मनाया। बुधवार को शहर के 20 से अधिक वार्डों से गौरी-गौरा की बारात निकाली गई। पारंपरिक बाजे में थिरकते हुए युवकों ने भगवान के प्रति आस्था प्रकट की। देर रात तक विसर्जन का सिलसिला चला। कहीं-कहीं युवकों के बीच झड़प भी हुई। पुलिस की चाक-चौबंद व्यवस्था रही।
शहर में दिवाली पर्व इस साल 20 और 21 अक्टूबर को दो दिन मनाया गया। माता लक्ष्मी की पूजा के बाद मंगलवार की रात हटकेशर, राधा-कृष्ण मंदिर के पास और लालबगीचा में आदिवासी समाज के युवक-युवतियों ने घर-घर से तेल मांगने की परंपरा अदा की। रात करीब ३ बजे ईश्वर गौरी-गौरी की भव्य बारात निकाली गई। इसके अलावा शहर के अन्य वार्डों से बुधवार को सुबह गड़वा बाजे की पारंपरिक धुन पर बारात निकाली गई। युवक-युवतियां नाचते-गाते हुए चल रहे थे।
शहर के हटकेशर सहित ग्रामीण अंचलों में दोपहर बाद तक गौरी-गौरी का तालाब में विसर्जन किया गया, लेकिन शहरी क्षेत्रों में विसर्जन देर रात तक चला। राजगौरी-गौरा विसर्जन यात्रा रात करीब 8 बजे प्रारंभ हुआ इस दौरान कोष्टापारा में विसर्जन यात्रा देखने के लिए लोगों की भारी भीड़ लगी रही।
इस दौरान लोग पटाखे जलाकर गौरी-गौरा बारात का भव्य स्वागत करते रहे। सुरक्षा के मद्देनजर शहर के विभिन्न वार्डों में पुलिस बल तैनात किया गया था। साथ ही गौरी-गौरी समितियों को भी सुरक्षा की जिमेदारी सौंपी गई थी। असामाजिक तत्वों पर नजर रखने के लिए पुलिस के जवान सिविल ड्रेस में भी तैनात रहे।
वार्डवासी उत्तम देवांगन, पुरूषोत्त साहू, भागवत सिन्हा ने बताया कि दिवाली पर्व में गौरी-गौरा की बारात देखने सालभर तक इंतजार रहता है। भगवान शिव जगत पिता तथा गौरी मैय्या को जगत माता कहा जाता है। यही वजह है कि घर के चौखट से गुजरते समय गौरी-गौरा बारात की आरती कर उनका स्वागत किया जाता है। शहर के सभी वार्डों में नागरिकों ने अपनी-अपनी श्रद्धा अनुसार भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा-अर्चना कर अपनी आस्था प्रगट की।
इधर बुधवार को शहर के श्रीजगदीश मंदिर में अन्नकूट का पर्व धूमधाम से मनाया गया। जगदीश मंदिर में दोपहर 12 बजे पंडित बालकृष्ण महराज ने महाप्रभु जगन्नाथ, भैय्या बलभ्रद और बहन सुभद्रा के साथ ही सुदर्शन महाराज की पूजा-अर्चना कर उन्हें खिचड़ी प्रसादी का वितरण किया गया।
इस दौरान मंदिर समिति द्वारा 1100 किग्रा खिचड़ी श्रद्धालुओं को वितरण किया गया। मंदिर ट्रस्ट समिति के संयोजक गोपाल प्रसाद शर्मा, बिहारीलाल अग्रवाल, लक्खूभाई भानुशाली ने बताया कि पिछले १०२ वर्षों से इस परंपरा का निर्वहन किया जा रहा है। इस साल भी यह पर्व परंपरागत ढंग से मनाया गया।
Published on:
23 Oct 2025 03:19 pm
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