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29 भ्रष्ट अफसर-कर्मचारियों पर कार्रवाई की फाइल शासन में अटकी, हैरान कर देगा मामला

Corruption:29 भ्रष्टाचारियों पर कार्रवाई की अनुमति से संबंधित फाइलें शासन स्तर पर अटक गई हैं। इससे भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए जारी कार्रवाई पर बड़ा असर पड़ रहा है। अनुमति मिलने के बाद ही विजिलेंस टीम आगे की कार्यवाही करेगी।

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In Uttarakhand, the file for action against 29 corrupt officers and employees is stuck in the government

उत्तराखंड विजिलेंस मुख्यालय

Corruption:29 भ्रष्टाचारियों पर कार्रवाई की अनुमति से संबंधित फाइलें शासन स्तर पर लंबित होने के कारण उत्तराखंड में भ्रष्टाचारियों को बल मिलने की संभावना है।हालांकि राज्य में भ्रष्टाचार के खिलाफ विजिलेंस की कार्रवाई लगातार जारी है, लेकिन शासन स्तर पर 29 मामलों की अनुमति लंबित होने से कार्रवाई की रफ्तार पर असर पड़ रहा है। विजिलेंस ने इन मामलों में कार्रवाई की अनुमति के लिए शासन को रिपोर्ट भेजी है, जिसमें सबसे पुराना मामला वर्ष 2022 का है। इनमें 24 मामले खुली जांच की अनुमति, चार मामले मुकदमा चलाने और एक मामला अभियोजन स्वीकृति का है। विजिलेंस को समय-समय पर सरकारी अफसरों और कर्मचारियों के खिलाफ गोपनीय और ट्रैप करने से जुड़ी शिकायत मिलती हैं। ट्रैप से जुड़ी शिकायतों पर तत्काल कार्रवाई की जाती है। जबकि, गोपनीय शिकायतों पर संबंधित अफसर या कर्मचारी के खिलाफ जांच की जाती है। तथ्य मिलने पर खुली जांच शुरू करने की अनुमति के लिए शासन को रिपोर्ट भेजी जाती है। विजिलेंस से मिली जानकारी के मुताबिक 24 गोपनीय रिपोर्ट शासन को भेजते हुए इन पर खुली जांच की अनुमति मांगी गई है, जिन पर अनुमति मिलने का इंतजार किया जा रहा है। अनुमति मिलते ही विजिलेंस का शिकंजा इन भ्रष्ट अफसर-कर्मचारियों पर कस सकता है।एडीजी अपराध एवं कानून व्यवस्था वी मुरुगेशन के मुताबिक विजिलेंस से फाइलें भेजी जाती हैं उन पर शासन से जल्द अनुमति का निवेदन किया जाता है। अनुमति मिलने पर ही कार्रवाई शुरू होती है। हालांकि उत्तराखंड में धामी सरकार जीरो टॉरलेंस की नीति पर अडिग है। सीएम के निर्देश पर भ्रष्टाचारियों पर कार्रवाई लगातार जारी है। बीते दिनों ही वन कर्मचारियों पर भ्रष्टाचार के मामले में मुकदमे दर्ज हुए हैं।

144 मामलों में चल रही सुनवाई

उत्तराखंड विजिलेंस के आंकड़ों के मुताबिक, कोर्ट में 144 भ्रष्टाचार के मामलों में सुनवाई चल रही है। पिछले तीन सालों में 27 लोगों को सजा सुनाई गई। 12 आरोपी बरी हुए। सजा का औसत 69.2 फीसदी रहा है। विजिलेंस कंट्रोल रूम के टोल फ्री नंबर 1064 पर इस साल 1500 शिकायतें दर्ज की गईं। इनमें से ही 13 आरोपियों को ट्रैप किया गया। इस साल के कुल 17 ट्रैप में 20 आरोपी गिरफ्तार हुए और पांच लाख की रकम बरामद की गई। आठ अप्रैल 2022 में शुरू हुई इस 1064 हेल्पलाइन पर अब तक साढ़े आठ हजार से अधिक कॉल आ चुकी हैं।

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