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आज चक्का जाम : बस, टैक्सी, ऑटो और ट्रकों के थमेंगे पहिये, यात्रियों को हो सकती है परेशानी

Strike:आज चक्का जाम रहेगा। परिवहन महासंघ के आह्वान पूरे गढ़वाल मंडल में ये चक्का जाम रहेगा। इसे देहरादून और पर्वतीय क्षेत्रों की यूनियनों का भी समर्थन मिला है। ट्रांसपोर्टर ऋषिकेश में अलग-अलग स्थानों पर वाहनों का संचालन ठप करेंगे। इससे यात्रियों को परेशानी उठानी पड़ सकती है। साथ ही ट्रांसपोर्ट कारोबार पर भी असर पड़ सकता है।

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There will be a road blockade in the Garhwal division of Uttarakhand today

उत्तराखंड के गढ़वाल मंडल में आज चक्का जाम रहेगा

Strike:आज विभिन्न मांगों को लेकर समूचे गढ़वाल मंडल में चक्का जाम रहेगा। मंगलवार को परिवहन महासंघ के नेतृत्व में टिहरी गढ़वाल मोटर ऑनर्स यूनियन कार्यालय में ट्रक, डंपर, विक्रम, ऑटो, ई-रिक्शा, ई-ऑटो, बस यूनियनों के प्रतिनिधियों की बैठक हुई। टीजीएमओ के अध्यक्ष जितेंद्र सिंह नेगी ने कहा कि सोमवार को देहरादून में आयोजित बैठक में परिवहन सचिव की ओर से मांगों को मानने का आश्वासन दिया गया था। कहा कि पिछले साल ट्रकों की भार क्षमता बढ़ाने को लेकर आंदोलन किया गया था। परिवहन विभाग के अधिकारियों ने 21 दिन के भीतर समस्या का समाधान करने का आश्वासन दिया था। एक साल बीतने के बाद भी समस्या हल नहीं हुई। कहा कि ट्रांसपोर्टरों ने जिन मांगों के प्रस्ताव परिवहन विभाग को भेजे थे उनपर अब तक अमल नहीं हुआ। इसी के विरोध में आज पूरे गढ़वाल मंडल में एक दिवसीय चक्का जाम प्रस्तावित है।वहीं, गढ़वाल ट्रक एसोसिएशन के अध्यक्ष दिनेश बहुगुणा और बिजेंद्र कंडारी ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार ट्रांसपोर्टरों की अनदेखी कर रही है। सभी यूनियनों की सहमति को देखते हुए आज यानी बुधवार को चक्का जाम किया जाएगा।

ट्रांसपोर्टरों को मनाने पहुंचे एआरटीओ

ट्रांसपोर्टरों को मनाने के लिए स्थानीय स्तर पर भी प्रशासन ने कई उपाय किए।टीजीएमओ कार्यालय में हुई बैठक में ट्रांसपोर्टरों को मनाने के लिए एआरटीओ रावत सिंह कटारिया और एआरटीओ रश्मि पंत टीम के साथ पहुंचीं। उन्होंने ट्रांसपोर्टरों के सामने 10 सूत्रीय मांगों का 80 फीसदी समाधान मुख्यालय स्तर पर होने की बात कही। इन मांगों में एआरटीओ कार्यालय परिसर में वाहनों की फिटनेस को पूर्व की भांति शुरू करने के लिए सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय को प्रस्ताव भेजने, वाहन स्वामियों को एक साल का टैक्स माफ करने, वाहन चालकों को सहायता देने के लिए शासन को प्रस्ताव भेजने आदि की बात कहीं। बावजूद इसके ट्रांसपोर्टर नहीं माने।

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