
उत्तराखंड में अगले दो साल बिजली महंगी होगी
Dearness:महंगाई के दौर में अगले दो साल तक बिजली महंगी होगी। दरअसल, विद्युत नियामक आयोग की ओर से उत्तराखंड पावर कॉरपोरेशन को तीन अलग-अलग मामलों में कुल 783 करोड़ का भुगतान करने के आदेश दिए गए हैं। यूपीसीएल को 11 किस्तों में निजी कंपनियों को भुगतान करना है। इस नुकसान की भरपाई के लिए बिजली के टैरिफ में इसे शामिल करने की तैयारी है।माना जा रहा है कि अप्रैल 2026 में जारी होने वाली बिजली दरों में ये भार आम जनता पर पड़ना शुरू हो जाएगा। ऊर्जा निगम के अपने नुकसान की भरपाई के अलग ही मानक हैं। इसके तहत महंगी बिजली खरीदने, लाइन लॉस, केस हारने पर होने वाले नुकसान का खामियाजा आम उपभोक्ताओं को भुगतना पड़ता है। इधर, विद्युत नियामक आयोग के अध्यक्ष एमएल प्रसाद के मुताबिक फैसलों के क्रम में ही आयोग ने इन फैसलों को लागू कराने को आदेश जारी किए हैं। यूपीसीएल को 11 किस्तों में भुगतान करना होगा। उपभोक्ताओं की मांग है कि इसका भार उन पर न डाला जाए। नई बिजली दरों का जब यूपीसीएल की ओर से प्रस्ताव भेजा जाएगा, तो पहले उसका विधिवत परीक्षण किया जाएगा।
बिजली महंगी होने की आहट से उपभोक्ताओं में आक्रोश है। यूपीसीएल निजी कंपनियों को किए जाने वाले इस 783 करोड़ का भार आम जनता पर न डाले, इसके लिए उपभोक्ता विद्युत नियामक आयोग पहुंच गए हैं। उपभोक्ताओं ने आयोग से मांग की है कि इन सभी प्रकरण में जनता से अतिरिक्त वसूली न की जाए। उत्तराखंड पहाड़ी महासभा की महासचिव गीता बिष्ट ने विद्युत नियामक आयोग अध्यक्ष को भेजे पत्र में कहा कि हर साल बिजली दरों में बढ़ोत्तरी हो रही है। सालाना वृद्धि के साथ ही हर महीने भी अलग से बिजली महंगी की जा रही है। ऐसे में यूपीसीएल के कंपनियों से केस हारने का भी वित्तीय भार उपभोक्ताओं पर डाला गया तो इसका विरोध होगा। उपभोक्ता पहले ही स्मार्ट मीटर की खामियों से परेशान हैं। बिजली बिल दोगुना महंगा हो गया है।
यूपीसीएल आयोग में तीन केस हार चुका है। ऐसे में यूपीसीएल को 783 करोड़ रुपये निजी कंपनियों को चुकाने हैं। निजी कंपनियों को किए जाने वाले भुगतान पर यदि 10 प्रतिशत बिजली महंगी की जाती है, तो बिजली बहुत मंहगी हो जाएगी। ऐसे में वित्तीय वर्ष 2026-27 में बिजली दरों में बढ़ोत्तरी के भेजे जाने वाले प्रस्ताव में इस खर्चे को शामिल न किया जाए। फर्नेश इंडस्ट्री के अध्यक्ष पवन अग्रवाल के मुताबिक यूपीसीएल अपने खर्चो पर किसी भी तरह की कटौती नहीं कर रहा है। न ही लाइन लॉस का कम कर पा रहा है। ऊपर से एक के बाद एक केस हार रहा है। इसके चलते बिजली लगातार महंगी हो रही है। उद्योग लगातार बिजली सस्ती किए जाने की मांग कर रहे हैं। महंगी बिजली का उद्योगों पर खराब असर पड़ सकता है।
Updated on:
25 Oct 2025 08:48 am
Published on:
25 Oct 2025 08:44 am
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