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मेहंदीपुर बालाजी धाम में चढ़ा सोने का चोला, 56 भोग के साथ सजी बालरूप की झांकी, उमड़ा श्रद्धालुओं का सैलाब

बालाजी के जयकारों से पूरा क्षेत्र भक्तिमय वातावरण में डूब गया। टोडाभीम और उदयपुरा मार्ग पर श्रद्धालुओं की लंबी कतारें लगी रहीं।

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दौसा

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Akshita Deora

Oct 29, 2025

Balaji Dham

मंदिर में जमा भक्तों की भीड़ और बाल रूप में सजी बालाजी महाराज की झांकी की फोटो: पत्रिका

सिद्धपीठ मेहंदीपुर बालाजी धाम में मंगलवार को आस्था का ऐसा सागर उमड़ा कि पूरा परिसर जयकारों से गूंज उठा। देश-विदेश से आए हजारों श्रद्धालु सुबह से ही कतारों में खड़े होकर बालाजी महाराज, भैरव बाबा, प्रेतराज सरकार, सीताराम दरबार, राधाकृष्ण और समाधि स्थल के दर्शन करने पहुंचे।

सुबह की मंगला आरती के साथ ही मंदिर में धार्मिक अनुष्ठान आरंभ हुए। श्रद्धालुओं ने मेवा, मिश्री, लड्डू और सवामणी का भोग अर्पित कर परिवार की सुख-शांति व समृद्धि की कामना की। बालाजी के जयकारों से पूरा क्षेत्र भक्तिमय वातावरण में डूब गया। टोडाभीम और उदयपुरा मार्ग पर श्रद्धालुओं की लंबी कतारें लगी रहीं।

सिद्धपीठ के महंत डॉ. नरेशपुरी महाराज के सानिध्य में बालाजी के स्वयंभू स्वरूप का विधिवत अभिषेक किया गया और सोने का चोला चढ़ाया गया। पंडितों द्वारा बालाजी के बालरूप में छप्पन भोग की भव्य झांकी सजाई गई जो श्रद्धालुओं के आकर्षण का केंद्र बनी रही। भक्तों ने मंदिर प्रांगण में ‘जय श्री बालाजी महाराज’ के गगनभेदी नारे लगाते हुए वातावरण को पूरी तरह आध्यात्मिक बना दिया।

मंदिर परिसर में देर शाम तक दर्शनार्थियों का तांता लगा रहा। ट्रस्ट की ओर से श्रद्धालुओं को राजभोग की प्रसादी वितरण की गई। भीड़ अधिक होने से पुलिस व मंदिर सुरक्षा गार्डों को व्यवस्था संभालने में खासी मशक्कत करनी पड़ी। बालाजी धाम में इस अवसर पर भक्ति, श्रद्धा और आस्था का अनूठा संगम देखने को मिला। दर्शन करने पहुंचे श्रद्धालुओं ने कहा कि यहां आने से आत्मिक शांति का अनुभव होता है और हर बार ऐसा लगता है जैसे बालाजी स्वयं अपने भक्तों पर कृपा बरसा रहे हों।