
प्रतीकात्मक तस्वीर-एआई
लालसोट (दौसा)। ब्यावर-भरतपुर ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे को लेकर प्रशासनिक स्तर पर तैयारियां तेज हो गई हैं। करीब 324 किलोमीटर लंबे इस प्रस्तावित एक्सप्रेस-वे के लालसोट उपखंड के 28 गांवों से होकर गुजरने की संभावना है। इसी को लेकर उपखंड अधिकारी विजेंद्र कुमार मीना की अध्यक्षता में बैठक आयोजित की गई, जिसमें भूमि अधिग्रहण और संबंधित विभागों की जिम्मेदारियों को लेकर चर्चा की गई।
एसडीएम ने बताया कि भूमि अर्जन, पुनर्वास और पुनर्व्यवस्थान में उचित प्रतिकार एवं पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए 2013 व 2016 के नियमों के तहत कार्रवाई की जाएगी। बैठक में यह भी निर्देश दिए गए कि प्रस्तावित भूमि पर किसी प्रकार की बिक्री, खरीद, भूमि रूपांतरण या विकास गतिविधियां अनुमत नहीं होगी। लालसोट व निर्झरना तहसीलदार को पालना के लिए पाबंद किया गया है। बैठक में जिला कलक्टर दौसा की ओर से गठित कमेटी में शामिल सार्वजनिक निर्माण विभाग, जल संसाधन, वन, कृषि विभाग, तहसीलदार आदि मौजूद रहे।
प्रस्तावित एक्सप्रेस-वे के निर्माण से उपखंड क्षेत्र के लोरवाड़ा में 3.38, डिवाचली कलां में 8.08, डिवाचली खुर्द में 2.80, हमीरपुरा में 7.63, थानपुरा में 5.63, महाराजपुरा में 5.86, शाहपुरा में 4.57, बिनोरी में 21.73, सीतापुर में 8.68, खेमावास में 4, कर्णपुरा चक नं. 1 में 13.59, चक नं. 3 में 2.42, चक नं. 4 में 28.37, विजयपुरा में 3, टोडा ठेकला में 11.54, किशनपुरा में 3.19, बिलौणा कलां में 14.85, रामपुरा खुर्द में 15.34, भामवास में 5.75, खटवा में 14.09, प्रहलादपुरा में 14.96, खेडली में 5.82, देवली में 38.29, मोहब्बतपुरा में 5.56, श्रीमा में 9.90 और गूदडिया में 5.29 हैक्टेयर भूमि प्रभावित होगी।
प्रस्तावित ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे (ब्यावर-भरतपुर) परियोजना के निर्माण के अन्तर्गत आने वाले गांवों में भूमि उपयोग परिवर्तन (भूमि रूपान्तरण), बिक्री, खरीद या विकास गतिविधियों के बारे में जिला प्रशासन की ओर से आदेश जारी होते ही उपखण्ड के 28 प्रभावित गांवों में चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है। सोमवार को राजस्थान पत्रिका में एक्सप्रेस-वे के बारे में प्रमुखता से प्रकाशित समाचार पूरे क्षेत्र में चर्चा में बना रहा।
प्रभावित 28 गांवों के किसान एक्सप्रेस-वे उनके गांव में कहा से गुजरेगा, इसके बारे में कयासबाजी लगाते रहे एवं अपनी जमीन के भविष्य और मुआवजे की प्रक्रिया को लेकर चिंतित नजर आए। कई किसानों की यह भी चिंता थी कि कही एक्सप्रेस-वे के चलते उनकी जमीन दो भागों में नहीं बट जाए, अगर ऐसा होगा तो उनके लिए बड़ा नुकसान साबित होगा।
Published on:
28 Oct 2025 03:03 pm
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