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Green Field Expressway: राजस्थान के दौसा जिले को एक और एक्सप्रेस-वे की सौगात, इन 28 गांवों से होकर गुजरेगा

Rajasthan New Expressway:दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे और बांदीकुई-जयपुर एक्सप्रेस-वे के बाद राजस्थान के दौसा जिले को एक और एक्सप्रेस-वे की सौगात मिलने वाली है।

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Green-Field-Expressway

सांकेतिक तस्वीर: AI

Beawar-Bharatpur Expressway: दौसा। दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे और बांदीकुई-जयपुर एक्सप्रेस-वे के बाद राजस्थान के दौसा जिले को एक और एक्सप्रेस-वे की सौगात मिलने जा रही है। नया ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वे ब्यावर से भरतपुर तक प्रस्तावित है। ब्यावर से भरतपुर तक 324 किमी लंबा यह एक्सप्रेस-वे जिले के लालसोट उपखंड के 28 गांवों से गुजरेगा।

इस एक्सप्रेस-वे के निर्माण से लालसोट क्षेत्र में रोड कनेक्टविटी और अधिक बेहतर होगी। नए ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वे के निर्माण से लालसोट से भरतपुर होकर उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड सहित उत्तरी भारत के साथ ब्यावर अजमेर होते हुए गुजरात तक आना जाना और अधिक सुगम हो जाएगा।

भूमि अधिग्रहण की तैयारी शुरू

सूत्रों के अनुसार उक्त ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वे के निर्माण से पूर्व प्रशासनिक स्तर पर भूमि अधिग्रहण की तैयारी शुरू हो चुकी है। जिला कलक्टर की ओर से उपखंड अधिकारी के अधीन कमेटी का गठन किया जा चुका है। इस कमेटी में राजस्व विभाग, वन विभाग, कृषि विभाग, जल संसाधन विभाग एवं सार्वजनिक निर्माण के अधिकारियों को शामिल किया गया। इस कमेटी की बैठक शीघ्र ही होगी, जिसके बाद रिपोर्ट प्रस्तुत की जाएगी।

28 गांवों में नहीं कर सकेंगे ऐसा

इसके अलावा अतिरिक्त जिला कलक्टर ने उपखंड अधिकारी के साथ लालसोट और निर्झरना तहसीलदार को एक भी पत्र भेज कर बताया है कि प्रस्तावित ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे (ब्यावर-भरतपुर) परियोजना के निर्माण के अन्तर्गत आने वाले गांवों में भूमि उपयोग परिवर्तन (भूमि रूपान्तरण), बिक्री, खरीद या विकास गतिविधियों की अनु​मति नहीं दी जाए। 28 गांवों में उक्त आदेशों की कठोरता से पालना करें।

व्यापार को मिलेगी गति, रोजगार के नए अवसर मिलेंगे

एक्सप्रेस-वे बनने से लालसोट क्षेत्र का सीधा संपर्क भरतपुर और ब्यावर के औद्योगिक क्षेत्रों से होगा। इससे व्यापारिक गतिविधियां तेज होगी। सरसो के सीजन के दौरान लालसोट व मंडावरी कृषि उपज मंडियों से प्रतिदिन दर्जनों ट्रकों द्वारा सरसों भरतपुर की तेल फैक्ट्रियों को भेजा जाता है, उक्त एक्सप्रेस-वे के निर्माण के बाद काफी समय व भाड़ें की बचत होगी, जिससे व्यापार को गति भी मिलेगी। इसके अलावा निर्माण कार्य और इसके बाद बढ़ने वाले उद्योग-धंधों से युवाओं को रोजगार के नए अवसर मिलेंगे।

इसके अलावा अब तक ब्यावार व भरतपुर जाने के लिए जयपुर-अजमेर एवं जयपुर हाइवे से ही वाहनों को गुजरना पड़ता है, इसके निर्माण के बाद इन दोनो राजमार्गों पर यातायात का दबाव घटेगा, जिससे दुर्घटनाओं में कमी आएगी। इसके अलावा किसानों को अपने कृषि उत्पादों को बड़े शहरों तक तेजी से पहुंचाने में सुविधा होगी। सबसे अहम बात यह है कि एक्सप्रेस-वे के आसपास के क्षेत्रों में भूमि की कीमतों में बढ़ोतरी होगी और निवेश की संभावनाएं बढ़ेगी।

इन गांवों से गुजरेगा एक्सप्रेस-वे

ब्यावर-भरतपुर एक्सप्रेस-वे टोंक से दौसा जिले के लालसोट क्षेत्र में प्रवेश करेगा। एक्सप्रेस-वे का विजयपुरा, लोरवाड़ा, गूदडिय़ा, श्रीमा, गोविंदपुरा,करणपुरा चक 1 से चक 4, मोहब्बतपुरा, देवली, खेडली, प्रहलादपुरा, खटवा, मालावास, रामपुरा खुर्द, भामूवास, रामपुरा कलां, बिलौणा कलां, खेेमावास, किशनपुरा, टोडा ठेकला, बिनोरी, शाहपुरा महाराजपुरा, थानपुरा, हमीरपुरा, डिवाचली कलां एवं डिवाचली खुर्द गांव की कुल 260.559 हैक्टेयर भूमि से गुजरना प्रस्तावित है।

लालसोट बनेगा हाईवे जंक्शन

ब्यावर-भरतपुर एक्सप्रेस-वे के निर्माण के बाद लालसोट उपखंड एक हाईवे जंक्शन के रूप में विकसित होगा। फिलहाल लालसोट उपखंड क्षेत्र से ब्यावर-दिल्ली-मुंबई एक्सप्रसे-वे, मनोहरपुर-कोथून नेशनल हाईवे, लालसोट धौलपुर नेशनल हाईवे एवं लालसोट-कोटा मेगा हाईवे गुजर रहे है। एक नए एक्सप्रेस-वे के निर्माण के बाद ये सभी राजमार्ग भी आपस में कनेक्ट हो जाएंगे, जिससे आने वाले समय में लालसोट से प्रदेश व देश के सभी बड़े शहरों के बीच सड़क संपर्क और अधिक बेहतर होगा।

अभी प्रक्रिया की होगी शुरूआत

एसडीएम विजेन्द्र कुमार मीना ने बताया कि प्रस्तावित एक्सप्रेस-वे के निर्माण से प्रभावित गांवों के बारे में जानकारी आ गई है, जिनका सर्वे का कार्य अब शुरू होगा। अभी प्रक्रिया की शुरुआत होगी। इसके लिए सोमवार को बैठक होगी। जिसके बाद गांवों व खसरा नंबर के बारे में स्थिति क्लीयर हो जाएगी।