
MP Police attacked by villagers cops injured datia old assault case (फोटो- Patrika.com)
Datia Old Assault Case: दतिया के डीपार थाना पुलिस टीम पर शनिवार की शाम ग्राम जरा में उस वक्त हमला किया गया, जब पुलिस एक पुराने मारपीट प्रकरण में विवेचना के लिए मौके पर पहुंची थी। जांच के दौरान ग्रामीणों ने लाठी और डंडों से पुलिस टीम पर हमला बोला, जिसमें एएसआई राकेश कुमार सहित तीन पुलिस कर्मी घायल हो गए।
हमलावरों ने पुलिस कर्मियों से तीन मोबाइल फोन एक पर्स तक छीन लिया। पुलिस ने फरियादी एएसआई की रिपोर्ट पर 18 नामजद और करीब 15 अज्ञात आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
थाना डीपार में पदस्थ सहायक उपनिरीक्षक राकेश कुमार 25 अक्टूबर की शाम ग्राम जरा पहुंचे थे, वे 23 अक्टूबर को हुई दो पक्षों के बीच मारपीट की घटना की विवेचना करने आए थे। उनके साथ आरक्षक निजाम खान, शैलेंद्र गिरी और सुरेंद्र सिंह सेंगर भी मौजूद थे।
पुलिस टीम ने आरोपियों को नोटिस देने और घटना में प्रयुक्त लाठी-डंडे जब्त करने की प्रक्रिया शुरु की ही थी कि अचानक माहौल तनावपूर्ण हो गया। शाम करीब साव पांच से छह बजे के बीच बड़ी संख्या में ग्रामीण एकत्र हो गए और पुलिस टीम पर हमला कर दिया। हमला इतना अचानक हुआ कि पुलिसकर्मी कुछ समझ ही नहीं पाए। ग्रामीणों लाठी-डंडों से पुलिस पर प्रहार शुरू कर दिया।
एएसआई राकेश कुमार ने बताया कि दीपू बाथम ने उनका मोबाइल फोन छीन लिया, जबकि अनिल बाथम और रवूदे बाथम ने आरक्षक शैलेंद्र गिरी के दो मोबाइल और पर्स छीन लिया। पर्स में आधार कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस और 2200 रुपए नकद रखे हुए थे।
इसी दौरान कुछ महिलाओं ने भी पुलिस पर पथराव करने की कोशिश की। एएसआई राकेश के हाथ की हथेली फट गई और खून निकलने लगा, जबकि आरक्षक निजाम खानके सिर पर चोट आई है और सुरेंद्र सँगर के हाथ व कंधे पर गंभीर चोटें आई। आरोपियों ने पुलिसकर्मियों को जातिगत अपशब्द कहे ।
पुलिस पर हमला करना न सिर्फ गंभीर अपराध है, बल्कि यह सरकारी कार्य में बाधा डालने और राजकीय संपत्ति को नुकसान पहुंचाने की श्रेणी में आता है। भारतीय दंड संहिता में इसके लिए कड़े प्रावधान है। धारा 186 सरकारी कर्मचारी को उसके कर्तव्य के निर्वहन से रोकना। सजा तीन महीने तक की जेल या जुर्माना या दोनों।
धारा 332 में सरकारी कर्मचारी को अपने कार्य से रोकने के लिए उस पर हमला या चोट पहुंचाना। सजा तीन साल तक की कैद और जुर्माना। धारा 353 सरकारी कर्मचारी पर बल प्रयोग या हमला। सजा दो साल तक की कैद, जुर्माना या दोनों। धारा 395 और 397 अगर लूट या जानलेवा हमला भी हुआ है, तो मामला डकैती या गंभीर लूट में दर्ज होता है। सजा 10 साल तक सख्त कैद से लेकर आजीवन कारावास की सजा का भी प्रावधान है। इस तरह के अपराध में आरोपी को कड़ी सजा दी जा सकती है।
हमले की सूचना मिलते ही थाना प्रभारी डीपार अतिरिक्त पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे, लेकिन तब तक हमलावर मौके से भाग चुके थे। पुलिस ने क्षेत्र में घेराबंदी कर सर्चिग की, मगर 18 घरों में ताले जड़े मिले : पुलिस ने हमला के बाद गांव में सर्चिग की तो इस दौरान 18 घरों में ताले जड़े मिले। साथ ही आरोपी हमले के बाद मौके से फरार हो गए।
पुलिस ने एएसआई की रिपोर्ट पर कडोरे बाथम, रवूदे बाथम, दीपक बाथम, मूलादेव बाथम, दीपेंद्, बल्ली, मझले, दीपू, मान सिंह महाते, रामनिवास, अनिल, प्रीतम, बडे लखन, कुलदीप बाथम, व उसकी पत्नी किरन, हनुमंत जादौन वेंडा लहार, राजीव सोलंकी सहित करीब 15 अज्ञात महिला-पुरुषों के खिलाफ मामला दर्ज किया है।
हमले के बाद पुलिस आरोपियों की तलाश आसपास के ग्राम में कर रही है। साथ ही आरोपियों के रिश्तेदारों के यहां भी पुलिस छापामार कार्रवाई कर रही है। पुलिस गांव की भी निगरानी में जुटी है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि सरकारी कार्य में बाधा डालने, लूट, मारपीट, जातिगत अपमान और जानलेवा हमले की धाराओं में मामला दर्ज किया है। अभी हाल में सभी आरोपियों फरार चल रहे है। (MP Police attacked)
पुलिस टीम पर ग्राम जरा में विवेचना के दौरान हमला हुआ है। 18 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। करीब 15 अजात लोग है। पुलिस आरोपियों की तलाश में जुटी है।- सुनील शिवहरे, एडीशनल एसपी
Updated on:
27 Oct 2025 01:01 pm
Published on:
27 Oct 2025 12:08 pm
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