
फोटो सोर्स: पत्रिका
MP News: एमपी के दतिया शहर में 300 हितग्राहियों के खाते में पीएम आवास के निर्माण को लेकर नपा ने एक से लेकर दो लाख रुपए की राशि ट्रांसफार कर दी है। लेकिन उसके बाद भी 80 हितग्राहियों ने एक लाख रुपए मिलने के बाद भी पीएम आवास निर्माण को लेकर नींव तक नहीं खुदवाई है।
हालात यह है कि 220 हितग्राहियों के खाते में 2 लाख रुपए की राशि ट्रांसफर हो चुकी है। लेकिन तीन वर्ष बीत जाने के बाद भी पीएम आवास अधूरे पड़े हुए हैं। नपा ने ऐसे 300 हितग्राहियों को नोटिस जारी करते हुए 38 दिन की मोहलत दी है। यदि तय समय-सीमा आवास का काम पूरा नहीं होता है, तो 300 हितग्राहियों से राशि की रिकवरी की जाएगी।
प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत वर्ष 2022-2023 में स्वीकृत आवासों को लेकर नगर पालिका दतिया ने सख्ती शुरू कर दी है। जिन हितग्राहियों को सरकार ने मकान निर्माण के लिए राशि दी थी, उनमें से 80 हितग्राहियों ने निर्माण कार्य आज तक शुरू नहीं किया है।
नपा अधिकारियों की मानें तो चयनित हितग्राहियों के खातों में पहली किश्त के रूप में एक लाख रुपए भेजे गए थे, ताकि वह मकान का निर्माण कार्य शुरू कर सकें। लेकिन अब तक हितग्राहियों ने काम तो शुरू नहीं किया है। हालात यह है कि हितग्राहियों ने उस राशि को दूसरे कार्यों में खर्च कर दिया है। जबकि 220 हितग्राही आवास अधूरा छोड़कर बैठे हैं। इनसे नपा प्रशासन दो-दो लाख रुपए की वसूली की तैयारी में है।
नगर पालिका ने सख्त निर्देश जारी करते हुए कहा है कि हितग्राहियों को अंतिम चेतावनी दी गई है। उनकी रिसीविंग कॉपी डीपीआर वाइज तैयार की जाए। इसमें स्वयं हितग्राही के हस्ताक्षर, मोबाइल नंबर और दो गवाहों , एक नगरीय निकाय कर्मचारी और दूसरी एक अन्य व्यक्ति होगा। जिसके हस्ताक्षर भी अनिवार्य रूप से कराए जाएंगे। सीएमओ ने कर्मचारियों से कहा है कि 25 अक्टूबर तक पीडीएफ के तौर पर सभी दस्तावेज उन्हें भेजे जाएं। इस दौरान अगर कर्मचारियों ने फर्जी हस्ताक्षर या गलत जानकारी दी, तो जवाब दारों पर कार्रवाई की जाएगी।
जानकारों की मानें तो पीएम आवास योजना का मूल उद्देश्य गरीब वर्ग को पक्का मकान उपलब्ध कराना है। लेकिन कई हितग्राही राशि मिलने के बाद भी मकान निर्माण में रुचि नहीं दिखा रहे हैं। इसके पीछे की वजह यह भी बताई जा रही है कि निर्माण सामग्री के बड़े दाम, इस योजना के क्रियान्वयन में बाधा बन रहे है।
हालांकि प्रशासन का मानना है कि अधिकांश मामले हितग्राहियों की लापरवाही और निजी प्राथमिकताओं के कारण है। पहली किश्त लेने के बाद कई लोग राशि का उपयोग अन्य कार्यों में कर लेते हैं और मकान निर्माण टालते रहते हैं।
300 हितग्राहियों ने अगर 38 दिन के निर्धारित अवधि में यदि निर्माण कार्य पूरा नहीं किया गया, तो रिकवरी और कानूनी कार्रवाई दोनों ही प्रक्रिया एक साथ शुरू की जाएगी। अधूरे पीएम आवास को लेकर नोटिस जारी कर दिए गए हैं।- नागेंद्र सिंह गुर्जर, सीएमओ नपा दतिया
Published on:
24 Oct 2025 05:37 pm
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