RCB Victory Parade Bengaluru Stampade (Photo Credit-IANS)
Bengaluru Stampade: पिछले 17 सालों से रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु के फैंस टीम की जीत की दुआ कर रहे थे। 3 जून 2025 की वो तारीख थी, जब इस फ्रेंचाइजी ने की पहला आईपीएल खिताब अपने नाम किया। इस जीत ने खिलाड़ियों को भावुक कर दिया। फैंस की आंखे नम हो गईं। पूर्व खिलाड़ी भी जश्न मनाने चिन्नास्वामी पहुंच गए। इस खुशी के माहौल को देखते हुए राज्य क्रिकेट संघ ने फ्रेंचाइजी की जीत को बड़े स्तर पर मनाने का फैसला किया और बेंगलुरु के एम चिन्नास्वामी स्टेडियम में आयोजन का ऐलान कर दिया गया। बुधवार की तारीख तय हुई। समय 5 बजे रखा गया।
जश्न की झलकियों से पहले स्टेडियम के बाहर मौत का तांड़व शुरू हो गया। स्टेडियम के बाहर हाजारों की संख्या में फैंस अपने हीरोज की एक झलक पाने के लिए बेताब थे। वे किसी भी तक स्टेडियम में घुस जाना चाह रहे थे। इसी कोशिश में कुछ ने गेट को छक्का मारना शुरू कर दिया तो कुछ स्टेडियम की बाहर की दीवारों पर चढ़ गए। पुलिस के मना करने के बावजूद फैंस नहीं माने और लगातार दीवारों पर चढ़ते रहे। पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया, जिसकी वजह से भगदड़ मच गई और यहीं से मौत का तांडव शुरू हो गया।
अब तक 11 लोगों के मौत की आशंका जताई जा रही है। 30 से अधिक लोग घायल हो चुके हैं। इसमें बच्चे और महिलाएं भी शामिल हैं। स्टेडियम के बाहर का मंजर देख रुह कांप जाती लेकिन अंदर जश्न का माहौल था। बाहर की दुनिया से किसी को कोई फर्क नहीं पड़ रहा था। बाद में जश्न खत्म हुआ तो मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार ने बॉरिंग अस्पताल का दौरा किया। डी.के. शिवकुमार ने वी आर सॉरी बोल कर अपना पल्ला छाड़ लिया लेकिन जिनके घर के चिराग बुझ गए, उसका जिम्मेदार कौन? पहली बार किसी ने आईपीएल नहीं जीती है। इससे पहले भी 17 सीजन खेले गए। 5-5 बार मुंबई इंडियंस और चेन्नई सुपर किंग्स चैंपियन बनी हैं। किसी के खिताब जीतने के बाद इतना ड्रामा नहीं हुआ।
बेंगलुरु एक बेहतरीन टीम है और टीम में कई शानदार खिलाड़ी हैं। खिलाड़ी खिताबी जीत के लिए बेताब थे। जीत मिल भी गई लेकिन ये फ्रेंचाइजी शायद जीत पचा नहीं पाई। जीत के बाद मैदान पर रोना गाना सब हुआ। मैदान से ड्रेसिंह रूम और ड्रेसिंग रूम से होटल तक जश्न मनता रहा। लेकिन इससे भी मन नहीं भरा तो स्टेडियम में फैंस को बुलाया गया। जिसमें से 11 लोगों ने अपनी जान गंवा दी है। 30 लोग घायल हैं। इसमें से कई लोग जिंदगी और मौत से जूझ रहे हैं। 3 जून 2025 की तारीख को इतिहास के पन्नों में आरसीबी की जीत भी दर्ज हो गई लेकिन 11 लोगों की मौत के बाद इस जीत का मतलब नहीं रह जाता।
Updated on:
04 Jun 2025 09:23 pm
Published on:
04 Jun 2025 08:39 pm
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