जम्मू-कश्मीर के कप्तान पारस डोगरा ने 32वां रणजी शतक लगाया (Photo - BCCI Domestic/X)
Paras Dogra First Class record: भारतीय घरेलू क्रिकेट में कुछ खिलाड़ी ऐसे होते हैं, जो अपनी निरंतरता, जुनून और शानदार प्रदर्शन से सभी को हैरान कर देते हैं। लेकिन बावजूद इसके उन्हें कमभी भारतीय टीम से खेलने का मौका नहीं मिलता। ऐसा ही एक नाम पारस डोगरा का है, जिन्हें रणजी ट्रॉफी का 'सचिन तेंदुलकर' कहना गलत नहीं होगा। 40 साल की उम्र में भी डोगरा का बल्ला रनों की बरसात कर रहा है।
रणजी ट्रॉफी 2025-26 सीजन में जम्मू-कश्मीर के कप्तान पारस डोगरा ने श्रीनगर के शेर-ए-कश्मीर स्टेडियम में मुंबई के खिलाफ एलीट ग्रुप-डी के मुकाबले में शानदार शतक जड़कर इतिहास रच दिया। इस पारी के साथ उन्होंने अपने करियर का 32वां शतक पूरा किया और 10 हजार फर्स्ट क्लास रन का आंकड़ा भी पार कर लिया।
मुंबई के खिलाफ खेले जा रहे इस मुकाबले में पारस डोगरा ने अपनी कप्तानी पारी से सभी का ध्यान खींचा। दूसरे दिन का खेल खत्म होने तक डोगरा 169 गेंदों में 16 चौकों की मदद से 112 रन बनाकर नाबाद थे। उनकी इस पारी ने न केवल जम्मू-कश्मीर को मजबूत स्थिति में पहुंचाया, बल्कि यह भी दिखाया कि उम्र उनके खेल के सामने महज एक संख्या है। डोगरा की यह पारी इसलिए भी खास है, क्योंकि वह अपनी टीम को मुश्किल परिस्थितियों से उबारने में कामयाब रहे। उनकी यह नाबाद पारी अभी और लंबी हो सकती है, जिससे जम्मू-कश्मीर को मजबूत बढ़त मिलने की उम्मीद है।
पारस डोगरा का यह 32वां रणजी शतक उन्हें इस टूर्नामेंट के इतिहास में सबसे ज्यादा शतक लगाने वाले बल्लेबाजों की सूची में दूसरे स्थान पर ले आया है। उन्होंने पूर्व भारतीय बल्लेबाज अजय शर्मा (31 शतक) को पीछे छोड़ दिया। अब उनसे आगे केवल दिग्गज वसीम जाफर हैं, जिनके नाम 40 शतक दर्ज हैं। डोगरा का यह शतक उनके 144वें फर्स्ट क्लास मैच में आया, जो उनके लंबे और शानदार करियर का सबूत है।
इस शतकीय पारी के दौरान पारस डोगरा ने एक और बड़ा कीर्तिमान अपने नाम किया। उन्होंने फर्स्ट क्लास क्रिकेट में 10 हजार रन पूरे कर लिए। वह ऐसा करने वाले तीसरे भारतीय बल्लेबाज हैं। उनसे पहले केवल वसीम जाफर (14,609 रन) और चेतेश्वर पुजारा (13,603 रन) ही इस मुकाम तक पहुंचे हैं। डोगरा के नाम अब तक 144 फर्स्ट क्लास मैचों में 10,078 रन दर्ज हैं।
पारस डोगरा की कहानी किसी प्रेरणा से कम नहीं है। उन्होंने 2001 में रणजी ट्रॉफी में डेब्यू किया था और 24 साल बाद भी वह इस टूर्नामेंट का अहम हिस्सा हैं। 40 की उम्र में भी उनका जुनून और फिटनेस युवा खिलाड़ियों के लिए मिसाल है। जम्मू-कश्मीर की कप्तानी संभाल रहे डोगरा न केवल मैदान पर अपनी बल्लेबाजी से योगदान दे रहे हैं, बल्कि अपनी नेतृत्व क्षमता से भी टीम को प्रेरित कर रहे हैं।
पारस डोगरा उन चुनिंदा खिलाड़ियों में से हैं, जिन्होंने भारतीय टीम के लिए कभी नहीं खेला, लेकिन घरेलू क्रिकेट में उनके आंकड़े किसी भी दिग्गज से कम नहीं हैं। 10 हजार से ज्यादा फर्स्ट क्लास रन और 32 रणजी शतक इस बात का प्रमाण हैं कि डोगरा में प्रतिभा की कोई कमी नहीं थी। फिर भी, वह भारतीय टीम में जगह नहीं बना सके।
Published on:
17 Oct 2025 09:11 am
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