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बिगड़ी है जिला अस्पताल की पार्किंग व्यवस्था, एंबुलेंस पहुंचने में भी समस्या

ठेकेदार की मनमानी के आगे प्रबंधन भी लाचार, मनमर्जी से खड़े हो रहे रास्ते में वाहन

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छिंदवाड़ा. जिला अस्पताल परिसर में पार्किंग व्यवस्था बिगड़ी हुई है जिसका खामियाजा एंबुलेंस चालकों व मरीजों को भुगतना पड़ रहा है। मरीजों को लेकर जिला अस्पताल पहुंचने वाली 108 एंबुलेंस को जिला अस्पताल के अंदर मुख्य इमारत तक पहुंचने के लिए जगह नहीं मिल पाती है। जिसके कारण कई बार मरीजों को कुछ दूरी पर उतारकर वहां से स्ट्रेचर की मदद से ले जाया जाता है। परिसर में आने वाले चौपहिया वाहनों को व्यवस्थित खड़ा नहीं कराया जाता है जिसके कारण यह स्थिति सुबह ओपीडी के समय से दोपहर तक बनती है। वर्तमान में वाहन स्टैंड ठेकेदार मनमर्जी कर रहा है जिसको लेकर अस्पताल प्रबंधन कोई कार्रवाई नहीं कर पा रहा है। ठेकेदार ने कर्मचारी तो रखे है जो सिर्फ पैसा वसूलते है वाहनों को व्यवस्थित खड़ा करने तैनात नहीं रहते है, जिसके चलते चौपहिया वाहन जिला अस्पताल के गेट नंबर दो से लेकर नई इमारत तक मार्ग पर ही खड़े होते है, जिससे एंबुलेंस को पहुंचने में कठिनाई होती है।

प्राइवेट एंबुलेंस भी बिगाड़ रही है व्यवस्था


नियमों की बात की जाए तो प्राइवेट एंबुलेंस को परिसर में खड़ा करने की मनाही है लेकिन वह इस आदेश को मानते नहीं है। परिसर में मनमर्जी से यह प्राइवेट एंबुलेंस खड़े किए जाते है, जो पार्किंग व्यवस्था को बिगाड़ते है। ओपीडी के समय तो कुछ प्राइवेट एंबुलेंस नजर आती है लेकिन दोपहर के बाद तो एक दर्जन से ज्यादा प्राइवेट एंबुलेंस परिसर में खड़ी रहती है जो रात में भी नजर आती है।

पुलिस लिखे वाहनों के चालकों का रौब


जिला अस्पताल में अक्सर देखने में आया कि पुलिस लिखे वाहन जिला अस्पताल पहुंचते है तो वह व्यवस्थित पार्किंग में खड़े नहीं किए जाते है। जिन प्राइवेट वाहनों पर पुलिस लिखा होता है उस वाहन का चालक अलग ही रौब दिखाते हुए अपने वाहनों को पार्किंग में ना खड़ा करते हुए मनमर्जी से सडक़ पर ही खड़ा करते है। इस दौरान वाहन स्टैंड के कर्मचारी कुछ बोल भी नहीं पाते है, यह वाहन अक्सर पार्किंग व्यवस्था को बिगाड़ते है।

इनका कहना है।


वाहन स्टैंड कर्मचारियों को निर्देशित किया गया है, वह वाहनों को व्यवस्थित तरीके से खड़ा करवाए तथा ऐसी स्थिति ना बने जिससे एंबुलेंस व मरीजों को किसी भी तरह की समस्या आए। अगर लापरवाही बरती जा रही है तो व्यवस्थाओं को सुधारा जाएगा।
डॉ हर्षवर्धन कुड़ापे, आरएमओ, जिला अस्पताल, छिंदवाड़ा।