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सिरिंगोसिस्टेडेनोमा पैपिलिफेरम व इंसिजनल हर्निया बीमारी का सफल उपचार

ईएनटी तथा सर्जरी विभाग ने ऑपरेशन कर पाई सफलता, मरीजों को मिली राहत

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छिंदवाड़ा. सिम्स मेडिकल कॉलेज के ईएनटी तथा सर्जरी विभाग ने मरीजों को राहत देने के लिए उपचार कर सफल ऑपरेशन किए है। सर्जरी विभाग की डॉक्टरों की टीम ने इंसिजनल हर्निया का तथा ईएनटी विभाग के डॉक्टरों की टीम ने सिरिंगोसिस्टेडेनोमा पैपिलिफेरम जैसी दुर्लभ बीमारी का उपचार करते हुए सफल ऑपरेशन किया है। ऑपरेशन के बाद मरीजों को राहत मिली है तथा अच्छी रिकवरी हो रही है।

पेट मेंं सूजन से मरीज था परेशान


47 वर्षीय पुरुष रोगी पेट में सूजन के साथ जिला अस्पताल में भर्ती हुआ, जो कि पिछले तीन वर्षों से थी। रोगी का चार वर्ष पूर्व पेरफोरेटेड एपेंडिक्स के लिए ओपन एपेंडेक्टॉमी का ऑपरेशन हुआ था। मरीज़ 29 अगस्त 2025 को भर्ती हुआ और नियमित प्रीऑपरेटिव जांच और सीईसीटी स्कैन एब्डोमेन करवाया गया। जिसमें इन्सिजनल हर्निया के साथ स्पिगेलियन हर्निया का पहचान की गई थी। पोस्ट एपेंडेक्टॉमी इन्सिजनल हर्निया एक दुर्लभ विसंगति है जिसकी घटना दर विश्व में 0.12 प्रतिशत है। चार सितंबर 2025 को प्रोफेसर और विभागाध्यक्ष डॉ महेंद्र सिंह, डॉ संदीप ठाकरे, डॉ विनीत मण्हरा एवं एनेस्थेटिस्ट डॉ अश्विनी पटेल, डॉ निकिता एस और उनकी टीम के साथ सफल ऑपरेशन किया।

दुर्लभ बीमारी के विश्व में 730 मरीज

सिम्स के डॉक्टरों ने एक दुर्लभ सर्जरी की है जिसमें सिरिंगोसिस्टेडेनोमा पैपिलिफेरम नामक बीमारी का इलाज किया गया है। यह एक बहुत ही दुर्लभ बीमारी है, जिसके पूरे विश्व में अब तक केवल 730 मरीज ही सामने आए हैं।
सिम्स के नाक, कान और गला रोग विभाग में एक 18 वर्षीय महिला मरीज पहुंची थी, जिसके कान के पीछे गठान थी और उसे पिछले दो वर्षों से दर्द और खून बहने की समस्या थी। मरीज ने कई अस्पतालों में दिखाया, लेकिन उसे कोई राहत नहीं मिली। अगस्त में मरीज ने मेडिकल कॉलेज के नाक, कान और गला रोग विभाग में दिखाया। मरीज की जांच के बाद सीटी स्कैन और बायोप्सी की गई, जिसमें सिरिंगोसिस्टेडेनोमा पैपिलिफेरम की पुष्टि हुई। इसके बाद डॉ नितिन जैन, डॉ सूर्यकांत तिवारी और उनकी टीम ने एनेस्थीसिया टीम के साथ मिलकर मरीज का ऑपरेशन किया और ट्यूमर को सफलतापूर्वक निकाल दिया।