सर्वाधिक गेहूं का उपभोग करने वाले इस जिले में तीन साल बाद राशन का कोटा बहाल किया गया है। अब प्रत्येक हितग्राही को 3 किलो गेहूं और 2 किलो चावल मिलेगा। रुस-यूके्रेन युद्ध के समय अनाज अनुपात में बदलाव किया गया था। उसमें जिले के उपभोक्ताओं को चार किलो चावल और एक किलो दिया जा रहा था।
छिंदवाड़ा जिले की राशन दुकानों में प्राथमिक श्रेणी के 3.07 लाख परिवार रियायती अनाज के पात्र हैं। तीन साल पहले वर्ष 2022 के फरवरी माह से पहले इन परिवारों के प्रत्येक सदस्य को चार किलो गेहूं और एक किलो चावल का वितरण किया जाता था। इस दौरान रुस यूक्रेन युद्ध शुरू हो जाने से मार्च-अप्रैल में देश भर से विदेशों में गेहूं का निर्यात शुरू किया गया। इससे गेहूं का भाव बढ़ जाने से सरकारी कोटा में खरीदी कम रही। तब से राज्य शासन ने छिंदवाड़ा जिले में वितरित होने वाले अनाज के अनुपात को बदल दिया था। परिवार के एक सदस्य को एक किलो गेहूं और चार किलो चावल दिया जाने लगा। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना का निशुल्क पांच किलो चावल अतिरिक्त दिया गया। इसके लिए हजारों बार शिकायत की। विभाग ने अनुपात बदलने के प्रयास किए लेकिन सरकार ने उसे नहीं बदला।
रबी सीजन में जिले में कुल 4 लाख हैक्टेयर के रकबे में तीन लाख हैक्टेयर में गेहूं की बोवनी होती है। इसकी उत्पादकता प्रति हैक्टेयर 43 क्विंटल है। इस उत्पादन के चलते ही छिंदवाड़ा में गेहूं का उपभोग सर्वाधिक है।
राशन दुकान में चावल ज्यादा मिलने से उन्हें बाजार से 25 किलो कीमत का गेहूं खरीदना पड़ता था। हितग्राहियों के मुताबिक परिवार में गेहूं का उपभोग अधिक है। चावल थमाए जाने से बाजार से महंगा गेहूं खरीदना मजबूरी रही। लोग गेहूं ज्यादा न मिलने की शिकायत करते रहे हैं।
राशन दुकानों में गेहूं व चावल के अनुपात को बदल दिया गया है। गेहूं-चावल आवंटन मिल गया है।
-राजेन्द्र बरकड़े सहायक आपूर्ति अधिकारी।
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Published on:
16 Sept 2025 10:45 am
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