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MP में अंडरग्राउंड खदानों में उत्पादन बंद, देशभर में मचा हड़कंप

MP News: डीजीएमएस के नए आदेश के बाद एमपी के इन क्षेत्रों की अंडरग्राउंड खदानों में उत्पादन ठप। वेकोलि (WCL) को रोज़ाना लाखों का नुकसान झेलना पड़ रहा है।

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underground coal mines shutdown digital detonator parasia mp news

underground coal mines shutdown digital detonator parasia (फोटो- सोशल मीडिया)

underground coal mines shutdown: डेटोनेटर के प्रयोग में बदलाव का असर दिखाई देने लगा है। छिंदवाड़ा के पेंच तथा कन्हान क्षेत्र की भूमिगत खदानों के उत्पादन पर बुरा असर पड़ा है। पेंच की नेहरिया, विष्णुपुरी, महादेवपुरी, धनकशा और कन्हान की शारदा कोयला खदान में एक अक्टूबर से अंडरग्राउंड में ब्लास्टिंग नहीं होने से उत्पादन रुक गया है। जिसके कारण वेकोलि (WCL) को प्रतिदिन लाखों रुपए का नुकसान हो रहा है।

खदानों में डिप्लरिंग का कोयला अथवा स्टॉक का कोयला ही परिवहन किया जा रहा है। वह भी खत्म होने के कगार पर है। डायरेक्टर जनरल माइंस सेफ्टी डिजीएमएस द्वारा इलेक्ट्रिक डेटोनेटर की जगह डिजिटल डेटोनेटर का उपयोग करने के आदेश के बाद यह स्थिति निर्मित हुई है। कोल इंडिया की देशभर में स्थित 300 अंडरग्राउंड माइंस में उत्पादन या तो प्रभावित हो गया है यह फिर उत्पादन पूरी तरह से ठप पड़ गया है। (mp news)

निर्देश नहीं मानने पर डीजीएमएस की कार्रवाई

बताया जाता है कि गत एक वर्ष से प्रतिबंध लगाया जा रहा है और कोल कंपनियां बार-बार एक्सटेंशन ले रही थीं। 1 जुलाई को लगाए गए प्रतिबंध की अवधि 30 सितंबर को खत्म हो गई। कोल कंपनियों को उम्मीद थी कि इस बार भी डीजीएमएस उन्हें एक्सटेंशन दे देगा लेकिन डीजीएमएस ने 'सुरक्षा' को प्राथमिकता दी और एक्सटेंशन देने से इनकार कर दिया। इसके बाद कोल कंपनियों के समक्ष संकट पैदा हो गया है।

डिजिटल डेटोनेटर (digital detonator) की लागत अधिक सूत्रों का कहना है कि कोल कंपनियां इसलिए आनाकानी कर रही है क्योंकि डिजिटल डेटोनेटर की लागत काफी अधिक है। इलेक्ट्रिक बेटीने जहां 7 रुपये में आता है का है। दोनों के इस्तेमाल से अंडरग्राउंड में 1 टन कोयला और ओपन में 500 किलो कोयला निकलता है, इसलिए लागत के अनुसार डिजिटल मॉडल काफी महंगा हो रहा है।

डिजिटल डेटोनेटर का करना है उपयोग

केंद्र सरकार ने सुरक्षा चिंताओं और जन सुरक्षा के मद्देनजर अप्रैल 2025 से इलेक्ट्रिक डेटोनेटर के निर्माण, कब्जे और आयात पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया था। उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) ने अधिसूचना में कहा है कि केंद्र सरकार का मानना है कि इलेक्ट्रिक डेटोनेटर 'खतरनाक' प्रकृति का है, जबकि डिजिटल डेटोनेटर सुरक्षित है।