Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

इ-चार्जिंग स्टेशन के लिए नगर निगम ने कलेक्टर से मांगी इमलीखेड़ा की जमीन

यहां इ-चार्जिग स्टेशन बन जाने से इलेक्ट्रिक ऑटो और कारें तथा इलेक्ट्रिक बसें भी छिंदवाड़ा में चार्ज हो पाएगी।

2 min read
Private bus overturned in Pali

निजी बस को हटाती क्रेन। फोटो- पत्रिका

इलेक्ट्रिक वाहनों के युग में छिंदवाड़ा में सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशन की जरूरत को देखते हुए नगर निगम ने इमलीखेड़ा में एक एकड़ की जमीन कलेक्टर से मांगी है। कहा जा रहा है कि यहां इ-चार्जिग स्टेशन बन जाने से इलेक्ट्रिक ऑटो और कारें तथा इलेक्ट्रिक बसें भी छिंदवाड़ा में चार्ज हो पाएगी।


एक अनुमान के अनुसार इस चार्जिंग स्टेशन के निर्माण में 50 लाख रुपए से अधिक रुपए का खर्च आना संभावित है। अभी तक पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी ने 28 आवेदन स्वीकार किए हैं, जिन्हें इ-चार्जिंग स्टेशन निर्माण की अनुमति देने की बात कहीं जा रही है। सार्वजनिक क्षेत्र में अभी नगर निगम आगे आ रहा है।


इस समय शहर समेत आसपास के इलाकों में करीब 250-500 ई-ऑटो सडक़ों पर संचालित हो रहे हैं। ये भी घरेलू बिजली पर आश्रित है। इसी तरह एक हजार इ-वाहन दुपहिया है, जिनकी मजबूरी भी घरेलू चार्जिंंग पर टिकी है। नागपुर,भोपाल और इंदौर समेत अन्य इलाकों में इलेक्ट्रिक बसों का संचालन शुरू हो गया है। वहां से बसें यात्रियों को लेकर आए तो उन्हें पुन ई-चार्जिंग के लिए स्टेशन नहीं मिल पाएगा। इससे ये बसें यहां नहीं आ पा रही है। देखा जाए तो ई-बसों का खर्चा डीजल से संचालित बसों की तुलना में बहुत है। इससे पर्यावरण भी सुरक्षित है। फिर भी इस दिशा में पहल नहीं हो पा रही है।


हर किमी यात्रा की लागत घटेगी, किराया भी सस्ता होगा


नगर निगम या फिर कोई निजी एजेंसी अगर इ-चार्जिंग स्टेशन की स्थापना कर दें तो वाहन उद्योग में नई क्रांति आ जाएगी। धीरे-धीरे बस मालिक भी इ-बसों की खरीदी की तरफ आगे बढ़ेंगे। उनकी हर किमी यात्रा की लागत भी घटेगी। इसके साथ ही यात्रियों को किराया भी सस्ता देना पड़ेगा। मेंटनेंस की लागत भी कम होगी।


इनका कहना है…

नगर निगम की ओर से इ-चार्जिंग स्टेशन के लिए एक आवेदन कलेक्टर कार्यालय में लगाया गया है, जिसमें इमलीखेड़ा में जमीन की मांग की गई है।
-वीरू मालवी, रा’ास्व प्रभारी, नगर निगम