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एएसआई नरेश शर्मा की हत्या के दोषी को आजीवन कारावास

पेट्रोल पंप से बिना पैसे दिए भाग रहे वाहन ने कुचला, वाहन को रोकने माहुलझिर थाने के सामने आरक्षक के साथ कर रखी थी नाकाबंदी

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छिंदवाड़ा. अपर सत्र न्यायाधीश जुन्नारदेव महेंद्र मांगोदिया ने थाना माहुलझिर में दर्ज एएसआई नरेश (60) पिता मूलचंद्र शर्मा की हत्या के प्रकरण में दोषी आशीष उर्फ लोकजीत सिंह (46) पिता अजीतसिंह पटेल निवासी ग्राम बटेसरा थाना करेली जिला नरसिंहपुर को आजीवन कारावास तथा 32500 रुपए अर्थदंड से दंडित किया है। 18 जनवरी 2024 की सुबह आठ बजे माहुलझिर पुलिस को सूचना मिली थी कि थाना परासिया के न्यूटन में पेट्रोल पंप पर डीजल डलवाकर बिना पैसे दिए वाहन चालक मौके से वाहन लेकर फरार हुआ है।

सूचना पर माहुलझिर थाने में पदस्थ एएसआई नरेश शर्मा ने थाने के सामने मुख्य मार्ग पर आरक्षक के साथ वाहन को रोकने के लिए नाकाबंदी कर दी। इस दौरान एएसआई के साथ अन्य दो लोग तथा आरक्षक भूषण मौजूद था। तेज गति से भाग रहे वाहन को रोकने का प्रयास किया गया तो वाहन चालक आशीष पटेल ने मौके से भागने के चक्कर में वाहन को बैरिकेट्स से भिड़ा दिया तथा एएसआई नरेश शर्मा को जोरदार टक्कर मार दी। एएसआई नरेश शर्मा गंभीर रूप से घायल हुए, जिन्हें गंभीर अवस्था में जिला अस्पताल लाया गया था, जिनकी उपचार के दौरान मौत हो गई। एएसआई की मृत्यु उनके कर्तव्य के निर्वहन के दौरान हुई, हत्या का पूरा घटनाक्रम माहुलझिर थाने के सामने लगे सीसीटीवी में कैद हो गया।

मध्य प्रदेश शासन ने एएसआई नरेश शर्मा को शहीद का दर्जा दिया। इस मामले में बचाओ पक्ष ने उक्त घटना में पूरे मामले को एक्सीडेंट की शक्ल देने का भरपूर प्रयास किया एवं सडक़ दुर्घटना साबित करने की कोशिश की थी। अभियोजन की सशक्त पैरवी के कारण यह प्रकरण हत्या साबित होने पर दोषी को सजा सुनाई गई। मध्य प्रदेश राज्य की ओर से पैरवी अपर लोक अभियोजक पंकज श्रीवास्तव एवं प्रकरण की विवेचना माहुलझिर थाना प्रभारी एसआई रविंद्र कुमार पवार ने की है।