Rajasthan Medical College (Photo-AI)
जुन्नारदेव के आगे नवेगांव में आयुर्वेद विभाग की करीब 60 एकड़ जमीन उपलब्ध है। यदि सरकार चाहे तो इस पर आयुर्वेद महाविद्यालय खुल सकता है। इसका प्रस्ताव विभाग की ओर भेजा जा चुका है। इस पर जनप्रतिनिधियों के दबाव बनाने की आवश्यकता महसूस की जा रही है।
मिली जानकारी के अनुसार जुन्नारदेव विधानसभा के अधीन तामिया, पातालकोट, नवेगांव क्षेत्र में जड़ी बूटियों का भंडार है। स्थानीय वैद्य अब तक यहां की औषधियों की पहचान करते हुए स्थानीय मरीजों का उपचार करते आए है। जिनके पारम्परिक ज्ञान को सहजने और संवारने की जरूरत है। इसके लिए लम्बे समय से आयुर्वेद महाविद्यालय की मांग स्थानीय जनता की ओर से की जा रही है। इसे राजनीतिक समर्थन भी मिल रहा है। इसे देखते हुए आयुर्वेद विभाग की ओर से कॉलेज का प्रस्ताव नवेगांव की जमीन पर भेजा जा चुका है। अभी तक प्रदेश सरकार ने इस पर सकारात्मक पहल नहीं की है।
पातालकोट में हजारों साल पुराने पत्थरों और लकडिय़़ों से घाटी के छह मिलियन वर्ष पुरानी घाटी होने की पुष्टि हुई है। वर्ष 2019 में इसे राज्य शासन ने जैव विविधता स्थल घोषित किया है। यहां जड़ी-बूटियों का भंडार है। इसे देखते हुए जड़ी-बूटियों के अध्ययन केन्द्र की जरूरत है। जिसे नवेगांव में आयुर्वेद कॉलेज बनाकर पूरा किया जा सकता है। अभी पातालकोट आनेवाले पर्यटक जड़ी बूूटियों से परिचित है। शासकीय जड़ी बूटियों का अध्ययन केन्द्र खुल जाने से उन्हें मान्यता मिल सकेगी।
जिला मुख्यालय से 75 किमी दूर पातालकोट में 12 गांव है,जहां के मूल भारिया आदिवासी स्थानीय जड़ी बूटियों पर आधारित आजीविका पर निर्भर है। यहां और नवेगांव में स्थानीय वैद्य जड़ी-बूटियों की दुकान लगाते आए है। स्थानीय भारिया आदिवासी चाहते है कि स्थानीय स्तर पर जड़ी बूटियों का अध्ययन केन्द्र बने। जिससे उनकी जड़ी बूटियों की पहचान मिल सकें।
सांसद बंटी साहू ने आयुर्वेद कॉलेज की मांग लोकसभा में उठाया था। इस पर केन्द्रीय मंत्री का पत्र भी आया था। जिसमें लिखा था कि राज्य सरकार के माध्यम से प्रस्ताव दिया जाए तो इस पर कार्यवाही हो सकती है। इसके बाद आयुष विभाग ने नवेगांव में आयुर्वेद कॉलेज का प्रस्ताव राज्य शासन को पहुंचाया था।
नवेगांव में आयुष विभाग की जमीन पर आयुर्वेद कॉलेज का प्रस्ताव भेजा जा चुका है। इस पर शासन स्तर पर कार्यवाही विचाराधीन है। जैसे ही कोई जानकारी आएगी, उसे बताया जाएगा।
-डॉ.प्रमिला यावतकर, जिला आयुष अधिकारी।
Published on:
13 Sept 2025 11:52 am
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