जुन्नारदेव के कांग्रेस विधायक सुनील उइके के परासिया स्थित शॉपिंग कॉम्प्लेक्स के पीछे के एक हिस्से को अतिक्रमण मानते हुए नगरपालिका ने बुधवार को प्रशासन की मौजूदगी में तोड़ दिया। शॉपिंग कॉम्प्लेक्स के पीछे नाले के पास स्थित लगभग 726 वर्गफीट का अवैध कब्जा था।
नगरपालिका अध्यक्ष विनोद मालवी ने इस अतिक्रमण की शिकायत की थी। जिस पर नगरपालिका सीएमओ ने पहले विधायक सुनील उइके को नोटिस जारी किया और तीन दिन का अल्टीमेटम दिया था। शॉपिंग कॉम्प्लेक्स में जहां अतिक्रमण था, वहां पर पक्का निर्माण कर टॉयलेट बाथरूम और स्टोर रूम बनाया गया था। हालांकि एक दिन पहले ही वहां से शेड और जरूरी सामान हटा दिया गया था। अतिक्रमण हटाने के दौरान दीवार तोड़ दिया गया। कार्रवाई बुधवार सुबह 10 बजे शुरू हुई जो लगभग दोपहर 2 बजे तक चली। इस दौरान नायब तहसीलदार श्रीराम सूर्यवंशी, सीएमओ भरत गजबे, थाना प्रभारी भूवन देशमुख और आसपास का पुलिस बल राजस्व अमला मौजूद रहा।
इस मौके पर प्रमुख रूप से ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष कमल राय, वीर बहादुर सिंह, अंजली श्रीवास्तव, प्रतिभा सोनी, घनश्याम तिवारी सहित जुन्नारदेव क्षेत्र के कांग्रेस नेताओं का जमावड़ा रहा।
लोकसभा चुनाव 2024 के दौरान कॉम्पलेक्स को लेकर नोटिस जारी किए गए थे। बाद में किसान आंदोलन के बाद नगरपालिका ने उसे निशाना बनाया। इस बार कांग्रेस विधायक सुनील उइके और उनकी भाभी को सोमवार को नोटिस जारी किया था। साथ ही शॉपिंग माल के पीछे किए गए अतिक्रमण को 24 घंटे में हटाने का अल्टीमेटम जारी किया था। अतिक्रमण नहीं हटाने पर नगर पालिका ने अतिक्रमण हटाने और इसका खर्चा वसूलने की चेतावनी दी गई थी।
शॉपिंग मॉल के सामने बड़ी संख्या में एकत्रित कांग्रेसियों ने मुख्य नगर पालिका अधिकारी भरत गजबे के पहुंचने पर पुष्पमाला गुलदस्ता भेंट कर स्वागत किया। कांग्रेसियों ने कहा कि सीएमओ नगर में अन्य अतिक्रमणों पर भी इसी तरह कार्रवाई कर उन्हें हटाएंगे, कोई पक्षपात नहीं करेंगे।
जुन्नारदेव विधायक सुनील उइके ने राजीव भवन की प्रेस कान्फ्रेंस में कहा कि जिस बिल्डिंग को प्रशासन अतिक्रमण बताकर तोडऩे की कार्रवाई कर रहा है, उसकी सभी अनुमति नियमानुसार व वैध तरीके से ली गई हैं। जिस हिस्से को अतिक्रमण बताया जा रहा, वह केवल नाला प्रोटेक्शन की दीवार है। उन्होंने कहा कि यह कार्रवाई केवल इसलिए की जा रही है, क्योंकि हाल ही में किसान आंदोलन मेें सांसद विवेक बंटी' साहू और प्रशासन की कार्यशैली के खिलाफ आवाज उठाई थी। उस आंदोलन में आदिवासियों की जमीनों की बंदरबांट के आरोप लगाए थे, जो तथ्यात्मक और पूर्णत: सही हैं। उइके ने आगे कहा कि प्रशासन चाहे तो दीवार ही नहीं, पूरी बिल्डिंग तोड़ दे, फिर भी वे आदिवासियों पर जारी अत्याचार के खिलाफ आवाज उठाते रहेंगे।
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Published on:
11 Sept 2025 10:46 am
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