प्रधानमंत्री आवास योजना में अब तक 206 हितग्राहियों ने अब तक मकान नहीं बनाया है। वर्ष 2020-21 से मामले पैंडिंग चल रहे हैं। अब उनकी तहसील कार्यालय में सुनवाई हो रही है। इनमें कुछ हितग्राहियों ने राशि वापस देने हामी भरी है तो कुछ हितग्राहियों ने राशि चुकाने में असमर्थता जाहिर की है।
आवास योजना के बीएलसी घटक में पांच साल में अब तक 14688 मकान बन चुके है। इस पर आवास की 2.50 लाख रुपए लेकर मकान न बनाने वाले 240 हितग्राहियों की सुध ली जा रही है। इन हितग्राहियों की तहसील कार्यालय में सुनवाई की जा रही है। इनमें से 36 हितग्राहियों ने राशि वापस करने अपनी सहमति दे दी है। 206 केस अभी पैंडिंग है। जिन्हें नोटिस देकर तहसीलदार के समक्ष पेशी की जा रही है।
पीएम आवास के अधिकारियों का कहना है कि पिछले कोरोना काल के समय प्रदेश सरकार की ओर से हितग्राहियों को छूट दी गई है। इसके चलते हितग्राहियों ने मौके का फायदा उठाया। प्रधानमंत्री आवास के पहले चरण की राशि 2.50 लाख रुपए हजम कर गए। तब के लोग ज्यादातर मकान नहीं बनाए हैं। जिनकी खोज खबर ली जा रही है।
इस समय तहसीलदार कार्यालय में 24 हितग्राहियों की पेशी चल रही है। 7 हितग्राहियों ने प्राप्त राशि पूरी तरह से नगर निगम को वापस कर दी। कुछ हितग्राहियों ने अपने बैंक खातों में पूरी राशि उपलब्ध होना बताया और राशि वापसी के लिए निगम को आवेदन सौंपा। शेष हितग्राहियों ने सात दिन का समय मांगा है। इसके अतिरिक्त 12 अनुपस्थित हितग्राहियों की चल-अचल संपत्ति का ब्यौरा एकत्रित कर कुर्की की कार्रवाई करने के आदेश तहसीलदार ने जारी किए हैं।
प्रधानमंत्री आवास में हितग्राहियों के मकान न बनाने के मामले में सीधे कार्रवाई की जा रही है। तहसील कार्यालय में 206 हितग्राहियों के मामले चल रहे हैं। पीएम आवास 2.0 में राशि का इंतजार बना हुआ है।
-सचिन पाटिल, नोडल अधिकारी, पीएम आवास, नगर निगम।
प्रधानमंत्री आवास योजना 2.0 के तहत 493 हितग्राहियों को पहली किश्त का बेसब्री से इंतजार है। इसका डीपीआर बनाकर नगरीय प्रशासन संचालनालय भोपाल दो माह पहले भेजा जा चुका है। जहां से संचालनालय की स्वीकृति मिलने पर योजना की पहली किश्त जारी होगी। इस योजना में शहर से 3700 से ज्यादा आवेदन किए गए थे। जिसके जांच के लिए जांच समिति बनाई गई थी। इनमें से 493 हितग्राहियों का चयन किया गया। इस योजना में संबंधित आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग की वार्षिक आय 3 लाख तक होना अनिवार्य थी। सरकार की ओर से भू-स्वामी को इस योजना की सब्सिडी 2.50 लाख रुपए तीन किस्तों में दी जाएगी। इस योजना में प्रदेश सरकार ने छिंदवाड़ा समेत पूरे प्रदेश में 10 लाख आवास बनाने की योजना को केबिनेट मंजूरी मार्च में दी थी। उसके बाद सर्वेक्षण करने के आदेश पर संबंधित हितग्राही का सर्वेक्षण पूरा किया गया। उनका नाम चयन किया गया।
प्रधानमंत्री आवास में हितग्राहियों के मकान न बनाने के मामले में सीधे कार्रवाई की जा रही है। तहसील कार्यालय में 206 हितग्राहियों के मामले चल रहे हैं। पीएम आवास 2.0 में राशि का इंतजार बना हुआ है।
-सचिन पाटिल, नोडल अधिकारी, पीएम आवास, नगर निगम।
Published on:
10 Sept 2025 11:14 am
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