कार्रवाई करती कृषि विभाग की टीम
जिले में किसानों को समय पर और उचित दर पर खाद उपलब्ध कराने के लिए जिला प्रशासन ने सख्त रुख अख्तियार कर लिया है। कलेक्टर पार्थ जैसवाल के निर्देशन में खाद की कालाबाजारी, अवैध भंडारण और अधिक दर पर बिक्री करने वालों पर लगातार कार्रवाई की जा रही है। इसी क्रम में नौगांव ब्लॉक के ग्राम लुगासी में संचालित मैसर्स आरएस प्लाजा उर्वरक विक्रय केन्द्र पर गंभीर अनियमितताएं पाई गईं, जिसके चलते दो लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है।
29 सितंबर को राजस्व और कृषि विभाग की संयुक्त टीम ने मैसर्स आरएस प्लाजा ग्राम पोस्ट लुगासी का निरीक्षण किया। रिकॉर्ड के अनुसार, विक्रेता को आईपीएल कंपनी का 35 मीट्रिक टन डीएपी उर्वरक आवंटित किया गया था। जांच में पाया गया कि 25 से 29 सितंबर तक यह उर्वरक किसानों को वितरण नहीं किया गया था, जबकि वितरण केंद्र पर ड्यूटी पर मौजूद कर्मचारी नियमित रूप से उपस्थित थे।निरीक्षण के दौरान बायोमेट्रिक मशीन में केवल 2.25 मीट्रिक टन (45 बैग प्रति 50 किलो) खाद दर्ज मिली, जबकि बाकी का स्टॉक गायब पाया गया। इससे स्पष्ट हुआ कि उर्वरक का न तो सही तरीके से वितरण हुआ और न ही उसका अभिलेख रखा गया।
जांच में सामने आई गड़बड़ियों के बाद उर्वरक निरीक्षक सूरजभान पटेल ने नौगांव थाना में एफआईआर दर्ज कराई है। इस कार्रवाई में विक्रेता रघुनंदन चतुर्वेदी और उनके सहयोगी हेमंत रिछारिया को नामजद किया गया है।
अधिकारियों के अनुसार, विक्रेता द्वारा
-उर्वरक वितरण से संबंधित अभिलेख और पंजी नहीं रखा गया
-पंजीयन प्रमाणपत्र का प्रदर्शन नहीं किया गया
-प्रतिष्ठान निरीक्षण के दौरान सहयोग नहीं किया गया
- ओपनिंग स्टॉक व वितरण में भारी अंतर पाया गया।
इन गंभीर अनियमितताओं के आधार पर विक्रेता के खिलाफ उर्वरक नियंत्रण आदेश 1985 की धारा 35, 28(4) तथा आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 की धारा 3 और 7 के तहत अपराध दर्ज किया गया है। उप संचालक कृषि रवीश कुमार सिंह का कहना है कि खाद वितरण में अनियमितता को गंभीरता से लिया जा रहा है। गड़बड़ी करने पर लगातार एफआईआर दर्ज करा रहे हैं।
Published on:
15 Oct 2025 10:38 am
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