Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

मिट्टी के दिए और मूर्तियों का बाजार सजा, वोकल फॉर लोकल के लिए ऑफलाइन खरीदी पर जोर

बाजार में मिट्टी के बने दीयों को भी नया रूप देकर सजाया गया है। इस साल बाजार में मिट्टी के दिए और प्रतिमाओं की दुकानों की संख्या बढ़ रही है।

2 min read
diye

बाजार में बिकने आए मिट्टी के दीये व मूर्तियां

दीवाली को लेकर बाजार गुलजार हो चुका है। शहर में रंग-बिरंगी लाइट, पटाखे और मिट्टी की प्रतिमाओं की दुकानें सजी हुई हैं। बाजार में मिट्टी के बने दीयों को भी नया रूप देकर सजाया गया है। इस साल बाजार में मिट्टी के दिए और प्रतिमाओं की दुकानों की संख्या बढ़ रही है।

हर वैरायटी के दीए

शहर के छत्रसाल चौराहे के आसपास लगी दुकानों पर दीयों की हर वैरायटी मौजूद है। 50 से लेकर 100 रुपए प्रति सैकड़ा के हिसाब से दुकानदार दिए बेच रहे हैं। डिजाइनर दीयों की कीमत 10 से 15 रुपए प्रति दीया रखी गई है। आम लोगों ने दीवाली की तैयारियां तेज कर दी हैं। दुकानदार नंदी प्रजापति ने बताया कि पहले की तुलना में दिए बनाने की लागत बढ़ गई है, लेकिन लोग पुराने दाम पर ही दिए सहित अन्य सामग्री की मांग कर रहे हैं, जिस कारण सिर्फ लागत निकलने की उम्मीद ही रहती है। नंदी प्रजापति ने बताया कि उन्होंने दिए बनाकर बेचने का काम करीब 3 दशक से किया है। पहले मिट्टी और अन्य सामग्री कम कीमत पर उपलब्ध होती थी, जिससे वे ठीक-ठाक कमाई कर लेते थे, लेकिन अब महंगाई बढऩे के कारण पहले जितना मुनाफा नहीं होता। एक अन्य महिला दुकानदार रामबाई ने बताया कि उन्होंने दिए की कीमत 100 रुपए प्रति सैकड़ा रखी है, लेकिन लोग मोलभाव कर 50 से 70 रुपए प्रति सैकड़ा ही खरीद रहे हैं। ऐसे में ज्यादा मुनाफा होने की संभावना नहीं है।

3.44 बजे अमावस्या तिथि होगी शुरू

वैदिक पंचांग के अनुसार 20 अक्टूबर को दोपहर 03 बजकर 44 मिनट से कार्तिक माह की अमावस्या तिथि शुरू होगी। वहीं, 21 अक्टूबर को 05 बजकर 54 मिनट पर अमावस्या तिथि का समापन होगा। पूर्ण अमावस्या तिथि पर दीवाली का त्योहार मनाया जाएगा।20 अक्टूबर को रात में पूर्ण अमावस्या रहेगी। इसी दिन दीवाली मनाई जाएगी। 21 अक्टूबर से कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि शुरू होगी।

दीवाली 2025 शुभ मुहूर्त

संध्याकाल पूजा: 07:08 बजे से 08:18 बजे तकप्रदोष काल: 05:46 बजे से 08:18 बजे तकवृषभ काल: 07:08 बजे से 09:03 बजे तकनिशिता काल: 11:41 बजे से 12:31 बजे तकपंचांगसूर्योदय: 06:25 बजेसूर्यास्त: 05:46 बजेब्रह्म मुहूर्त: 04:44 से 05:34 बजेविजय मुहूर्त: 01:59 से 02:45 बजेगोधूलि मुहूर्त: 05:46 से 06:12 बजेनिशिता मुहूर्त: 11:41 से 12:31 बजे