तमिलनाडु सरकार ने मंगलवार को अपनी बहुचर्चित मुख्यमंत्री प्रातःकालीन नाश्ता योजना का विस्तार करते हुए शहरी क्षेत्रों के 2,430 सरकारी सहायता प्राप्त विद्यालयों में इसे शुरू किया। सेंट जोसेफ प्राथमिक विद्यालय मईलापुर में आयोजित कार्यक्रम में तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने संयुक्त रूप से योजना का शुभारंभ किया। इस विस्तार के साथ अब राज्य के 37,416 सरकारी व सहायता प्राप्त विद्यालयों के 20.59 लाख विद्यार्थी प्रतिदिन पौष्टिक नाश्ता प्राप्त करेंगे। योजना पर वार्षिक 600 करोड़ रुपए का व्यय अनुमानित है।
मुख्यमंत्री स्टालिन ने इस अवसर पर कहा कि यह व्यय कोई बोझ नहीं, बल्कि भविष्य के लिए सामाजिक निवेश है, जिससे तमिल समाज को दीर्घकालिक लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि योजना का उद्देश्य केवल भूख मिटाना नहीं, बल्कि बच्चों के पोषण, स्वास्थ्य, सामाजिक संवाद, विद्यालय आने की रुचि, एकाग्रता और सीखने की क्षमता को बढ़ाना है। स्टालिन ने बताया कि वे स्वयं योजना की प्रगति पर नजर रखते हैं और राज्य नियोजन आयोग द्वारा कई अध्ययन भी करवाए गए हैं। उन्होंने गर्व से कहा कि अब राज्य के बच्चे थके-हारे व उदास नहीं, बल्कि ऊर्जावान, आत्मविश्वासी और मुस्कराते चेहरे के साथ विद्यालय आएंगे।
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कार्यक्रम में कहा कि वे बुधवार को होने जा रही मंत्रिमंडल बैठक में इस योजना को पंजाब में लागू करने पर विचार करेंगे। उन्होंने कहा कि पंजाब देश का अन्न भंडार है, जहां बड़े पैमाने पर गेहूं और चावल का उत्पादन होता है। ऐसे में बच्चों के लिए निःशुल्क नाश्ता योजना की शुरुआत राज्य के लिए एक बड़ी उपलब्धि होगी। मान ने मुख्यमंत्री स्टालिन को बधाई देते हुए कहा कि यह आदर्श उदाहरण है कि सरकार बच्चों की शिक्षा और स्वास्थ्य दोनों का ध्यान रख रही है।
मान ने आम आदमी पार्टी की जनहितकारी योजनाओं का उल्लेख करते हुए बताया कि पंजाब में फिलहाल 881 आम आदमी क्लीनिक संचालित हैं, जिन्हें शीघ्र ही 1,000 तक बढ़ाया जाएगा। इन क्लीनिकों में प्रतिदिन 70,000 से अधिक लोग निःशुल्क दवा व अन्य चिकित्सा सुविधाएं प्राप्त करते हैं। उन्होंने बताया कि इस वर्ष पंजाब के 805 सरकारी विद्यालयों के छात्रों ने राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट) उत्तीर्ण की, 416 ने जेईई मेन्स और 44 ने जेईई एडवांस्ड में सफलता पाई। मान ने कहा कि नाश्ता योजना बच्चों को पढ़ाई में और आगे ले जाएगी, जिससे वे और अच्छा प्रदर्शन कर सकेंगे।
उन्होंने बच्चों को संबोधित करते हुए कहा कि यह सरकार आपकी है और मुख्यमंत्री आपके लिए यह सब कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि बच्चों का पोषण, पढ़ाई में मन लगाना और स्वास्थ्य ठीक रहना सरकार की प्राथमिकता है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में पहले से ही कई जनकल्याणकारी योजनाएं चल रही हैं, नाश्ता योजना इन प्रयासों को और मजबूती देगी।
मुख्यमंत्री स्टालिन ने योजना की सफलता का श्रेय महिला स्व-सहायता समूहों को भी दिया, जो बच्चों के लिए पौष्टिक नाश्ता तैयार करती हैं। उन्होंने कहा कि यह योजना महिलाओं के लिए आजीविका का अवसर भी बनी है। कार्यक्रम में एम. एस. स्वामीनाथन अनुसंधान प्रतिष्ठान की अध्यक्ष सौम्या स्वामीनाथन ने सुझाव दिया कि विद्यालयी बच्चों के भोजन में प्रतिदिन पांच ग्राम सहजन पत्ती पाउडर मिलाया जाए, जिससे विशेषकर बालिकाओं में रक्ताल्पता की समस्या दूर होगी। साथ ही, महिला स्व-सहायता समूहों को भी काम मिलेगा, जो सप्ताह में पांच दिन यह पाउडर तैयार कर वितरित कर सकेंगे।
Published on:
26 Aug 2025 07:58 pm
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