Trump Tariff: अमेरिकी बैंक बड़े पैमाने पर लंदन से न्यूयॉर्क सोना ला रहे हैं। इस सोने की कुल कीमत अरबों डॉलर में है। यह कदम अमेरिका और यूरोप के बीच बढ़ते व्यापारिक तनाव और पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Trump Tariff) की टैरिफ नीतियों के कारण उठाया जा रहा है। ट्रंप की टैरिफ नीतियों के चलते लंदन में सोने की कीमतें दिसंबर से अब तक करीब 20 डॉलर प्रति औंस कम हो चुकी हैं। वहीं, न्यूयॉर्क में सोने की कीमतें तेजी से बढ़ रही हैं। इस असमानता के कारण अमेरिकी बैंक लंदन से सोना निकालकर न्यूयॉर्क ला रहे हैं ताकि वे इस मूल्य अंतर से लाभ कमा सकें।
इस साल चुनाव के बाद से अमेरिका में सोने का भंडार दोगुना हो चुका है।
जेपी मॉर्गन और एचएसबीसी जैसी प्रमुख बैंकें लंदन से बड़ी मात्रा में सोना न्यूयॉर्क ला रही हैं। बैंक वायदा बाजार (फ्यूचर मार्केट) में नुकसान की भरपाई के लिए इस सोने का उपयोग कर रहे हैं। न्यूयॉर्क में सोने की कीमत अधिक होने के कारण इन बैंकों को यहां अधिक लाभ मिल रहा है।
लंदन में सोने की बढ़ती निकासी के कारण वहाँ भंडार में भारी कमी देखी जा रही है।
ट्रंप सरकार (Trump Tariff) ने हाल ही में स्टील और एल्यूमिनियम पर 25% आयात शुल्क लगा दिया है। इस फैसले के बाद निवेशकों को डर है कि सोने पर भी ऐसा ही टैरिफ लग सकता है।
बैंक ऑफ इंग्लैंड (BoE) के डिप्टी गवर्नर सर डेव रैम्सडेन के अनुसार, न्यूयॉर्क और लंदन के बीच कीमतों के अंतर के कारण BoE को भारी मात्रा में सोने की निकासी अनुरोध मिल रहे हैं। इस साल न्यूयॉर्क में सोने की कीमत 11% बढ़ चुकी है। गोल्ड वायदा की कीमत 2,935 डॉलर प्रति ट्रॉय औंस पहुंच चुकी है। विश्लेषकों का अनुमान है कि यह 3,000 डॉलर का नया रिकॉर्ड (Trump Tariff) बना सकता है। बीते कुछ महीनों में BoE के कुल सोना भंडार का 2% यानी 8,000 सोने की छड़ें स्थानांतरित हो चुकी हैं।
बड़े पैमाने पर सोने को लंदन से न्यूयॉर्क लाने के लिए जटिल लॉजिस्टिक्स रणनीति अपनाई जा रही है।
जेपी मॉर्गन इस महीने 4 अरब डॉलर मूल्य के सोने की डिलीवरी करने की योजना बना रहा है। डोनाल्ड ट्रंप (Trump Tariff) की टैरिफ नीति और अमेरिका-यूरोप के बीच व्यापारिक तनाव ने सोने की वैश्विक बाजार में अस्थिरता को बढ़ा दिया है। अमेरिकी बैंक (Trump Tariff) इस स्थिति का लाभ उठाकर लंदन से सोना निकालकर न्यूयॉर्क ला रहे हैं। आने वाले समय में यदि अमेरिका सोने पर टैरिफ लगाता है, तो इसका असर पूरी वैश्विक अर्थव्यवस्था पर पड़ सकता है।
Published on:
18 Feb 2025 03:49 pm