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Investment in Gold: भूल जाइए गोल्ड जूलरी, सोने में निवेश के ये 4 तरीके देंगे आपको खास फायदे, रिटर्न भी है अच्छा

Investment in Gold: डिजिटल गोल्ड में हाई लिक्विडिटी की सुविधा मिलती है। आप यहां 24x7 सोना खरीद और बेच सकते हैं। वहीं, गोल्ड ईटीएफ को केवल बाजार के खुले रहने के समय ही ट्रेड किया जा सकता है।

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Investment in Gold

गोल्ड ईटीएफ के जरिए भी सोने में पैसा लगा सकते हैं। (PC: Gemini)

Investment in Gold: भारत में सोना सिर्फ एक एसेट क्लास नहीं बल्कि, कल्चर और धर्म से जुड़ा हुआ है। भारत में कई पर्वों पर सोना खरीदना शुभ माना जाता है। धनतेरस भी इनमें से एक है, जो कुछ दिन बाद आने वाला है। सोना एक अच्छा इन्वेस्टमेंट है। लेकिन जरूरी नहीं कि आप सिर्फ गोल्ड जूलरी, सोने के सिक्के या गोल्ड बार ही खरीदें। सोने में निवेश के और भी कई तरीके हैं। आप अपने पास फिजिकल रूप में सोना रखे बिना ही गोल्ड में लाखों-करोड़ों रुपये इन्वेस्ट कर सकते हैं। बता दें कि बीते एक साल में सोना 40 फीसदी से अधिक रिटर्न दे चुका है।

डिजिटल गोल्ड

डिजिटल गोल्ड हाई प्योरिटी वाले सोने द्वारा समर्थित निवेश विकल्प है। इसकी कीमतें फिजिकल गोल्ड की कीमतों के समान ही होती हैं। फिजिकल गोल्ड के विपरीत, इसमें मेकिंग चार्ज नहीं लगते हैं। साथ ही चोरी का कोई डर भी नहीं रहता। डिजिटल गोल्ड में हाई लिक्विडिटी होती है। यानी आप 24x7 इसे खरीद और बेच सकते हैं। आप चाहें तो सिर्फ 1 रुपये का भी डिजिटल गोल्ड खरीद सकते हैं।

आप चाहें तो डिजिटल गोल्ड में एकमुश्त निवेश कर सकते हैं या SIP के जरिए भी डिजिटल गोल्ड में इन्वेस्ट कर सकते हैं। भारत में आप कई डिजिटल पेमेंट ऐप्स पर या बड़े ज्वैलर्स के पास जाकर डिजिटल गोल्ड में पैसा लगा सकते हैं। डिजिटल गोल्ड को फिजिकल गोल्ड में बदलने का विकल्प भी मिलता है।

गोल्ड ETF

गोल्ड ETF शुद्ध फिजिकल गोल्ड में इन्वेस्ट करते हैं। यहां निवेशकों को सोने की बढ़ती कीमतों का लाभ मिलता है। यहां भी सोने को भौतिक रूप से अपने पास रखने की जरूरत नहीं होती। ये ETF शेयर बाजार में शेयरों की तरह ही खरीदे और बेचे जा सकते हैं। इन्हें खरीदने के लिए एक डिमैट अकाउंट की जरूरत होती है। गोल्ड ETF में लिक्विडिटी अधिक होती है, लेकिन इन्हें केवल बाजार के खुले रहने के समय ही ट्रेड किया जा सकता है। गोल्ड ईटीएफ में पैसा लगाने से निवेशक भौतिक सोने से जुड़े प्रमुख खर्चों जैसे स्टोरेज, हॉलमार्किंग, बीमा, मेकिंग चार्ज और वेस्टेज चार्ज से बच जाते हैं।

डिजिटल गोल्ड की तुलना में गोल्ड ETF अधिक लचीलापन, तरलता और कम लागत प्रदान करते हैं, जिससे ये लॉन्ग टर्म निवेश के लिए अधिक उपयुक्त हैं। Nippon India ETF Gold BeES भारत का सबसे पुराना गोल्ड ETF है। इसने 2007 से अब तक 950% रिटर्न दिया है। इसका मतलब है कि अगर किसी ने तब इसमें 10 लाख रुपये लगाए होते, तो आज यह राशि 1 करोड़ रुपये से अधिक हो चुकी होती।

गोल्ड म्यूचुअल फंड

गोल्ड म्यूचुअल फंड भी शुद्ध सोने में निवेश करते हैं। ये गोल्ड ETF की यूनिट्स खरीदते हैं। निवेशक इसमें एकमुश्त निवेश कर सकते हैं या SIP के जरिए छोटे-छोटे निवेश कर सकते हैं। ये फंड उन निवेशकों के लिए उपयुक्त हैं, जो सीधे भौतिक सोने में निवेश नहीं करना चाहते। हालांकि, गोल्ड म्यूचुअल फंड का expense ratio आमतौर पर गोल्ड ETF से अधिक होता है, जिससे रिटर्न थोड़ा कम हो सकता है।

सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (SGB)

SGB भारत सरकार द्वारा RBI के माध्यम से जारी की जाने वाली सिक्योरिटीज होती हैं। ये 24 कैरेट गोल्ड पर आधारित होते हैं और इनकी मैच्योरिटी अवधि 8 वर्ष होती है। हालांकि, 5वें वर्ष के बाद अर्ली रिडेम्पशन की अनुमति होती है। वर्तमान में SGBs के लिए कोई नया सब्सक्रिप्शन नहीं चल रहा है, लेकिन इन्हें सेकेंडरी मार्केट से खरीदा जा सकता है। इनमें सोने की कीमत बढ़ने का लाभ तो मिलता ही है, साथ ही यह सालाना 2.5% ब्याज भी देते हैं, जो प्रारंभिक निवेश राशि पर आधारित होता है।