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क्या देशभर में सहारा की संपत्तियां खरीदेगा अडानी ग्रुप? सुप्रीम कोर्ट ने सरकार और सेबी से मांगा जवाब

Adani Sahara Deal: सहारा इंडिया कमर्शियल कॉरपोरेशन लिमिटेड देशभर में अपनी संपत्तियां अडानी प्रोपर्टीज प्राइवेट लिमिटेड को बेचना चाहती है। सहारा ये संपत्तियां बेचकर निवेशकों को रिफंड करने के लिए पैसा जुटाना चाहती है।

2 min read

भारत

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Pawan Jayaswal

Oct 14, 2025

Adani Sahara News

सुप्रीम कोर्ट ने सहारा इंडिया की याचिका पर केंद्र और सेबी का रिस्पांस मांगा है।

सहारा इंडिया कमर्शियल कॉरपोरेशन लिमिटेड (SICCL) देशभर में अपने एसेट्स अडानी प्रोपर्टीज प्राइवेट लिमिटेड को बेचना चाहती है। इन एसेट्स में महाराष्ट्र स्थित 8,810 एकड़ में फैली एंबी वैली सिटी भी शामिल है। सहारा ये एसेट्स बेचकर धन जुटाना चाहती है, जिससे निवेशकों को उनका पैसा वापस दे सके। सहारा ने इस बिक्री की अनुमति के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है। अब सुप्रीम कोर्ट ने सहारा की याचिका पर केंद्र सरकार और सेबी का रिस्पांस मांगा है।

मुख्य न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति सूर्य कांत और न्यायमूर्ति एम. एम. सुंदरेश की पीठ ने कहा कि इस मामले में वित्त मंत्रालय और कॉर्पोरेट कार्य मंत्रालय को भी पक्षकार बनाया जाए। यह निर्देश तब आया जब सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि केंद्र सरकार को सहारा के प्रस्ताव पर अपना पक्ष रखना पड़ सकता है।

सरकार अपनी स्थिति कोर्ट के सामने रखे

मेहता ने कहा, “यह एक अच्छा सुझाव प्रतीत होता है, लेकिन यह कई फैक्टर्स पर निर्भर करेगा। केंद्र सरकार को भी इस पर विचार कर अपना दृष्टिकोण अदालत के सामने रखना होगा। कृपया वित्त सचिव और सहकारिता सचिव को भी पक्षकार बनाने पर विचार करें, क्योंकि कुछ सहकारी संस्थाओं ने अपने कर्मचारियों के माध्यम से निवेश किया है। इस तरह सरकार भी अपनी स्थिति अदालत के सामने रख सकेगी।”

अदालत ने सभी संबंधित पक्षों, जिनमें सहारा के कर्मचारी भी शामिल हैं, को निर्देश दिया कि वे अपने दावे वरिष्ठ अधिवक्ता शेखर नाफाडे के सामने प्रस्तुत करें, जिन्हें इस मामले में न्याय मित्र नियुक्त किया गया है।

'सभी एसेट्स को सिंगल लॉट में बेचा जाए'

सहारा की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा कि पहले संपत्तियों को टुकड़ों में बेचने की कोशिशें असफल रही हैं। अब एकमात्र रास्ता यह है कि सभी संपत्तियों को एक साथ (सिंगल लॉट में) बेचा जाए। सहारा की याचिका में कहा गया कि कई असफल प्रयासों के बाद अब उन्हें एक विश्वसनीय खरीदार अडानी प्रॉपर्टीज प्राइवेट लिमिटेड मिला है, जो सभी संपत्तियों को एक साथ खरीदने के लिए तैयार है।

सहारा को फंड में जमा करने होंगे 9,000 करोड़ रुपये

सेबी की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अरविंद दातार ने कहा कि सहारा अपनी संपत्तियां बेच सकता है, बशर्ते बिक्री मूल्य बाजार मूल्य के कम से कम 90% से कम न हो। नाफाडे ने यह भी बताया कि सहारा को अब भी सेबी-सहारा संयुक्त फंड में लगभग 9,000 करोड़ रुपये का भुगतान करना बाकी है और सुझाव दिया कि इस राशि को पहले जमा किया जाना चाहिए। निवेशकों को रिफंड से जुड़े मामलों में सुप्रीम कोर्ट में मुकदमे का सामना कर रहे सहारा ग्रुप ने अब तक 24,030 करोड़ रुपये की मूल राशि में से लगभग 16,000 करोड़ रुपये ही सेबी-सहारा रिफंड अकाउंट में जमा किए हैं।