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एक नेत्र विशेषज्ञ, 5 मेडिकल ऑफिसरों के ट्रांसफर, रैफर सेंटर बना जिला अस्पताल

burhanpur jila hospital doctor news

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मरीज परेशान

burhanpur hospital news: स्वास्थ्य विभाग में हाल ही में हुए डॉक्टरों के ट्रांसफरों से जिला अस्पताल की स्वास्थ्य व्यवस्थाएं गड़बड़ा गई। एक नेत्र विशेषज्ञ, 5 मेडिकल ऑफिसरों का दूसरे जिलों में तबादला हो गया, लेकिन कोई नया डॉक्टर नहीं आने से इमरजेंसी से लेकर ओपीडी में ड्यूटी करने वाले डॉक्टर्स की कमी के चलते मरीजों को परेशान होना पड़ रहा है। विशेषज्ञ डॉक्टर्स का अभाव होने से प्रशिक्षु डॉक्टरों के भरोसे ही इलाज होने से अस्पताल रैफर सेंटर बनकर रह गया।


जिला अस्पताल होने के बाद भी यहां पर एमडी मेडिसीन, ईएनटी, आर्थोपेडिक, विशेषज्ञ डॉक्टर, मेडिकल ऑफिसर, दंत, लैब टेक्नीशियन, रेडियोग्राफर, फार्मासिस्ट, ड्रेसर तक नहीं हैं। यही हाल जिले के प्राथमिक एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों के भी हैं। मेडिकल ऑफिसर नहीं होने से फार्मासिस्ट एवं नर्सिंग स्टाफ के भरोसे ही केंद्र चल रहे है। अधिकांश जगहों पर तो नर्सिंग स्टाफ भी नहीं होने से ताले लटक रहे। वाहन दुर्घटना या कोई हादसा हो जाता है तो मरीजों की जान बचाना मुश्किल हो जाता है। ऐसे में उन्हें निजी अस्पताल या खंडवा मेडिकल कॉलेज के लिए रैफर किया जाता है। जिले से रैफर मरीजों की संख्या अब दोगुना बढ़ गई है।

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नेत्र अस्पताल में अब बंद हो जाएंगे ऑपरेशन


जिला नेत्र अस्पताल में नेत्र विशेषज्ञ डॉ. कैलाश खैरनार का ट्रांसफर खंडवा कर दिया गया। जबकि उनके स्थान पर कोई दूसरा विशेषज्ञ डॉक्टर नहीं होने से अब दोबारा से मरीजों को मोतियाबिंद सहित अन्य ऑपरेशन के लिए परेशान होना पड़ेगा। जबकि हर सप्ताह तीन दिन ऑपरेशन अस्पताल में होते हैं। पूर्व में भी नेत्र विशेषज्ञ नहीं होने सालों तक ऑपरेशन बंद थे। 9 लाख की जनसंख्या वाले शहर में हर माह 100 से 150 नेत्र ऑपरेशन होते है। पिछले साल 1500 से अधिक मोतियाबिंद के ऑपरेशन होने पर जिला प्रदेश में तीसरे स्थान पर था। जबकि सहायक डॉक्टर्स की कमी होने से नेत्र रोग के मरीजों की परेशानी बढ़ जाएगी।


इन डॉक्टर्स के ट्रांसफर


जिला अस्पताल से मेडिकल ऑफिसर दीपक जयसवाल, देवेंद्र झड़ानिया, बीडीएस श्याम सेठिया का खंडवा, पंधाना सहित अन्य जिले में ट्रांसफर हो गया। जबकि अनुबंध पर आए स्वति सुरवाते, सादिया शेख सहित अन्य डॉक्टर्स की सेवाएं पूरी होने के बाद अस्पताल नहीं आ रहे हैं। जबकि नए अनुबंध पर प्रशिक्षु डॉक्टर्स के भरोसे ही मरीजों का इलाज किया जा रहा है। कई बार इमरजेंसी ड्यूटी के लिए भी डॉक्टर की व्यवस्था नहीं होने से बीडीएस सहित आसपास के क्षेत्रों के डॉक्टर्स की ड्यूटी लगाई जा रही है।

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एमडी डॉक्टर्स नहीं, हार्ट के मरीज बढ़े


जिले में हार्ट, शुगर, बीपी सहित अन्य गंभीर मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, लेकिन अस्पताल में मेडिसिन विशेषज्ञ एमडी डॉक्टर्स के पद लंबे समय से रिक्त है। एक एमडी डॉक्टर्स संविदा पर हैं, लेकिन कई बार सेवाएं नहीं मिलने से मरीज दम तोड़ देते हैं। इसको लेकर अस्पताल में आए दिन विवाद एवं हंगामे की स्थिति बनती है। ऑपरेशन के लिए एनेस्थीसिया विशेषज्ञ नहीं होने से निजी एनेस्थीसिया के भरोसे ऑपरेशन किए जा रहे हैं।सर्जर सहित अन्य विशेषज्ञ पद रिक्त है।

भोपाल स्तर पर पत्र लिख रहे

- डॉक्टर्स के ट्रासंफर होने से अस्पताल में कमी हुई है, विशेषज्ञ डॉक्टर्स सहित मेडिकल ऑफिसरों के लिए भोपाल स्तर पर पत्र लिख रहे हैं।
प्रदीप मोजेश, सिविल सर्जन बुरहानपुर