अध्ययन करते बच्चे
बूंदी: राज्य के सबसे बड़े विभाग शिक्षा विभाग में नियमित विभागीय पदोन्नति एवं कम पदों पर हो रही सीधी भर्ती के कारण रिक्त पदों का ग्राफ बढ़ता जा रहा है। स्कूल शिक्षा विभाग में शाला दर्पण के आंकड़ों के अनुसार माध्यमिक शिक्षा विभाग में स्वीकृत 4 लाख 8 हजार 117 में से 1 लाख 22 हजार 395 पद चल रहे रिक्त चल रहे है, जिससे सरकारी स्कूलों में पढ़ रहे लाखों विद्यार्थियों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है।
साथ ही राज्य भर के सैकड़ों स्कूलों में एक शिक्षक को अनेक विषयों का अध्यापन कार्य करवाने के साथ ही कई कार्यों का निर्वहन करना पड़ रहा है। राज्य के सभी माध्यामिक स्कूलों को उच्च माध्यामिक स्कूलों में क्रमोन्नत करने से सरकारी स्कूलों में शिक्षकों का पहले से ही टोटा है।
पदोन्नति की कब सुध लेगा विभाग
शिक्षा विभाग में अध्यापक से वरिष्ठ अध्यापक की सत्र 2021-22 से 2025-26 तक व वरिष्ठ अध्यापक से व्याख्याता पदों पर तीन सत्रों 2023-24 व 2024-25 और 2025-26 की पदोन्नति के साथ व्याख्याता से उप प्राचार्य की पदोन्नति भी बकाया चल रही है। दूसरी ओर प्राचार्य के पदों पर पदोन्नति उपरांत पदस्थापन नहीं होने से अनेक स्कूलों में दो या अधिक प्राचार्य हो गए है ओर वेतन तो मिल रहा है। अब देखने वाली बात यह है कि शिक्षा विभाग इन बकाया पदोन्नति करवाने के लिए कब सुध लेगा।
अब तक पदों की स्वीकृति नहीं
पिछले तीन सत्रों में कुल करीब 6 हजार विद्यालय से उच्च माध्यमिक स्तर पर क्रमोन्नत किए गए, लेकिन अब तक इनमें व्याख्याता पदों की स्वीकृति नहीं दी गई है। प्रति विद्यालय न्यूनतम 3 व्याख्याता पद माने तो करीब 18 हजार पदों की स्वीकृति लंबित है। पदोन्नति के चक्कर में सैकड़ों शिक्षकों ने तबादला भी
नहीं कराया।
रिक्त पदों को लेकर समय-समय पर मुख्यालय द्वारा सूचना मांगी जाती है। जिससे कार्यालय द्वारा उपलब्ध कराई जाती है।
-कुंज बिहारी भारद्वाज, मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी, बूंदी
Updated on:
08 Oct 2025 11:52 am
Published on:
08 Oct 2025 11:45 am
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