लबान माइनर की क्षतिग्रस्त दीवार
लबान. रबी सीजन की फसलों के लिए गेहूं और सरसों की पिलाई की तैयारी में सिंचाई विभाग चंबल परियोजना की नहरों में जल प्रवाह शुरू करने की तैयारी कर रहा है, लेकिन नहरों की जमीनी स्थिति अब भी सुधार नहीं होने से किसानों की चिंता बढ़ गई है। गत दिनों क्षेत्र में हुई अतिवर्षा के बाद नहरों के अंतिम छोर की माइनरों में मरम्मत और साफ-सफाई का काम अधूरा है। कई स्थानों पर दीवारें क्षतिग्रस्त हैं, जबकि कुछ जगहों पर झाड़-झंखाड़ और मिट्टी भर जाने से पानी के बहाव में रुकावट की आशंका है। इससे अंतिम छोर तक पानी पहुंचना मुश्किल हो सकता है।
मुख्य कैनाल पाटन ब्रांच में झपायता के पास दीवार क्षतिग्रस्त हो रही है तो वहीं लबान माइनर में एक्सप्रेस वे के समीप दीवार की मिट्टी कट चुकी है, जिससे रिसाव की स्थिति बन रही है। गुहाटा माइनर में भी लंबे समय से सफाई नहीं हुई है। नतीजतन, माइनर में झाड़ियां और झाड़-झंखाड़ जमकर उग आए हैं।
लबान के किसान नेता राजेन्द्र मीणा, ख़रायता सरपंच बद्री मीणा, महेश मीणा, कमरुद्दीन मेव, पूर्व डायरेक्टर हेमराज मीणा, गुहाटा के किसान बाबूलाल सुमन, कोटाखुर्द के रामचन्द्र मीणा, चहिचा माइनर अध्यक्ष शभूदयाल मीणा का कहना है कि हर साल पानी छोड़े जाने से पहले माइनरों की सफाई और मरमत होती थी, लेकिन इस बार विभाग की लापरवाही से यह कार्य अब तक नहीं हुआ। अगर समय रहते सुधार कार्य नहीं किए गए, तो नहरों के अंतिम छोर के किसान समय पर रबी फसलों की पिलाई से वंचित रह जाएंगे।
नहरों में जल प्रवाह शुरू करने से पूर्व मरमत व साफ सफाई के लिए टेंडर हो चुके है। जल्द ही सभी सहायक अभियंता को जेसीबी व आवश्यक संसाधन उपलब्ध करवा दिए जाएंगे। दिवाली के बाद जल प्रवाह शुरू होने की संभावना है। तब तक सभी जगहों पर मरमत व साफ सफाई करवा दी जाएगी।
नमो नारायण मीणा, अधिशासी अभियंता, सीएडी, केशवरायपाटन
Published on:
13 Oct 2025 07:01 pm
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