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सिद्ध भगवान के भक्ति पूर्वक चढ़ाया अर्घ्य

शहर के देवपुरा संभवनाथ दिगम्बर जैन मंदिर में अष्टानिका पर्व पर मुनि वैराग्य सागर महाराज व मुनि सुप्रभ सागर महाराज के सानिध्य में चल रहे सिद्धचक्र विधान मंडल के चौथे दिन शनिवार को भगवान संभवनाथ व नंदीश्वर दीप एवं सिद्ध भगवान की भक्ति पूर्वक अर्घ्य चढ़ाकर अष्ट द्रव्यों से पूजन की।

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बूंदी

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pankaj joshi

Nov 02, 2025

सिद्ध भगवान के भक्ति पूर्वक चढ़ाया अर्घ्य

बूंदी. देवपुरा जैन मंदिर पर मंडल के समक्ष भजनों पर नृत्य करते हुए।

बूंदी. शहर के देवपुरा संभवनाथ दिगम्बर जैन मंदिर में अष्टानिका पर्व पर मुनि वैराग्य सागर महाराज व मुनि सुप्रभ सागर महाराज के सानिध्य में चल रहे सिद्धचक्र विधान मंडल के चौथे दिन शनिवार को भगवान संभवनाथ व नंदीश्वर दीप एवं सिद्ध भगवान की भक्ति पूर्वक अर्घ्य चढ़ाकर अष्ट द्रव्यों से पूजन की। इस अवसर पर धर्मसभा को सम्बोधित करते हुए मुनि सुप्रभ सागर महाराज ने भगवान के अभिषेक, शांतिधारा एवं गंदोदक के महत्व पर प्रकाश डाला।

उन्होंने कहा कि स्नान करने से मनुष्य तो शुद्ध हो जाता है,लेकिन मन शुद्ध नहीं होता और ना ही मन को शांति मिलती है। भगवान के अभिषेक व शांतिधारा करने से कर्मों की निर्जरा होती है तथा मन में भी प्रसन्नता रहती है। उन्होंने कहा कि प्रतिष्ठित प्रतिमाओं का जिस पानी से अभिषेक व शांतिधारा होती वह पानी पानी न रहकर गंदोदक का रूप ले लेता है और उस गंदोदक को लगाने से कई तरह के रोग मिट जाते हैं और मन में शांति की अनुभूति होती है। इससे पूर्व मुनि वैराग्य सागर महाराज ने कहा कि घर पर आए हुए अतिथियों का भाव पूर्वक सम्मान करने से वहीं फल मिलता है,जो भगवान के अभिषेक पूजन करने से मिलता है।

जो भी व्यक्ति धार्मिक क्रियाओं में बाधा पैदा करते हैं वह अशुभ कर्म को प्राप्त करते हुए नरक गति को प्राप्त करता है। ब्र. मनीष भैया एवं देवेन्द्र जैन तथा संगीतकार आयुष जैन ने विधान की क्रिया सम्पन्न कराई। भजनों पर महिला-पुरुषों ने भक्ति भाव के साथ नृत्य किए। चातुर्मास व्यवस्था समिति के कोषाध्यक्ष जंबू धानोप्या ने बताया कि शांतिधारा हुकमचंद महावीर प्रसाद, जंबू कुमार कोटिया ने किया। वहीं चारित्र चक्रवर्ती आचार्य शांतिसागर के चित्र का अनावरण शुक्र इंद्र बने ओम-मोहनी देवी बाकलीवाल ने किया।

दीप प्रज्वलन ईशान इंद्र विकास सबदरा व मीना सबदरा ने किया। मुनि वैराग्य सागर व सुप्रभ सागर महाराज का पाद पक्षालन प्रवीण जैन, राजेश-मंजू पाटनी ने किया। जिनवाणी महिलाओं ने भेंट की। चातुर्मास व्यवस्था समिति के उप संयोजक सुरेश कोटिया ने बताया कि चातुर्मास में स्थापित छोटे कलशों का महाराज के कर कमलों से पुण्याजर्को को वितरित किया गया।

आचार्य पदारोपण महोत्सव मनाया
देई.
कस्बे में स्थित श्रीचन्द्रप्रभु दिगम्बर जैन चौबीसी जिनालय नसियां मंदिर में शनिवार को बालाचार्य निपुर्णनंदी का पांचवा आचार्य पदारोहण महोत्सव मनाया गया। मंदिर प्रवक्ता कमलेश जैन ने बताया कि मंदिर में चल रहे इन्द्रध्वज महामण्डल विधान के चतुर्थ दिन प्रात:कालीन भगवान का अभिषेक एवं शांतिधारा का आयोजन हुआ। अभिषेक करने का सौभाग्य चन्द्र प्रकाश विराट गर्ग, कैलाशचंद दीपक कुमार एवं शांतिधारा रमेशचंद, कमलेश कुमार सिंहल, प्रेमचंद महेन्द्र कुमार गोयल को प्राप्त हुआ।

इसके बाद बालाचार्य निपुर्णनंदी का पांचवा आचार्य पदारोहण दिवस मनाया गया। चरण प्रक्षालन रमेशचंद, दिनेश कुमार मितल द्वारा व शास्त्र भेंट वीरशासन महिला मण्डल द्वारा किया गया। समाजबंधुओं ने ने महाराज का भक्ति एवं संगीतमय अष्ठद्रव्यों से पूजन किया। मुनि नाभिनंदी ने बताया कि अचल मेरू पर्वतों पर अकृत्रिम जिनालय है, जिनमे एक ही में 500 धनुष की पदमासन 108 प्रतिमाएं है, जिनकी देवो द्वारा पूजा अर्चना की जाती है। कार्यक्रम में समाजबंधुओ एवं नसियां मंदिर कमेटी पदाधिकारी मौजूद रहे।