
हुमा कुरैशी का फूटा गुस्सा (इमेज सोर्स: एक्ट्रेस इंस्टाग्राम)
Huma Qureshi Screening Chaos: हुमा कुरैशी के बयान के बाद मनोरंजन जगत (हिंदी सिनेमा) में चर्चा तेज हो गई है, जब से एक्ट्रेस (Huma Qureshi) ने अपना दर्द साझा किया है। उनका कहना है कि छोटी फिल्मों की सबसे बड़ी मुश्किल यही है, थिएटर में जगह मिलना। उनकी फिल्म ‘सिंगल सलमा’ (Single Salma) को देशभर में बेहद सीमित स्क्रीन पर रिलीज किया गया, जिसके बाद हुमा ने दुख जताते हुए खुलकर कहा- “अगर कहानी दिल से कही गई है, तो उसे दर्शकों तक पहुंचने से रोकना सही नहीं।”
हुमा कुरैशी ने सोशल मीडिया पर अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि उनकी फिल्म (Single Salma) को पर्याप्त थिएटर नहीं मिल पाए। उन्होंने लिखा, "'सिंगल सलमा' जैसी फिल्मों में न तो बड़े स्टार होते हैं, न ही करोड़ों रुपए का मार्केटिंग बजट। ऐसी स्थिति में इन फिल्मों को थिएटरों में अपनी जगह बनाना और दर्शकों तक पहुंचना बेहद मुश्किल हो जाता है। आज भी सिस्टम उन फिल्मों को प्राथमिकता देता है जो पहले से ही सुरक्षित मानी जाती हैं, यानी बड़ी बजट और स्टार वाली फिल्में। इंडस्ट्री को एक संतुलित व्यवस्था की जरूरत है, जहां हर फिल्म, चाहे छोटी हो या बड़ी, उसे समान अवसर मिले।"
हुमा की इस पोस्ट ने सोशल मीडिया पर बड़ी चर्चा शुरू कर दी। देश के कई शहरों जैसे लखनऊ, पटना, दिल्ली और कोलकाता के फैंस ने उनकी बात का समर्थन किया। लोगों ने थिएटर मालिकों से अपील की कि 'सिंगल सलमा' के शो बढ़ाए जाएं ताकि ज्यादा दर्शक इसे देख सकें।
कई दर्शकों ने अपने टिकट बुकिंग ऐप्स के स्क्रीनशॉट शेयर किए, जिनमें दिख रहा है कि फिल्म के शो या तो हाउसफुल हैं या उपलब्ध ही नहीं। इससे साफ है कि लोग फिल्म देखना चाहते हैं, लेकिन स्क्रीन की कमी के कारण मौका नहीं मिल पा रहा।
हुमा के बयान ने फिल्म इंडस्ट्री के भीतर भी एक अहम चर्चा को जन्म दिया है। कई लोग मानते हैं कि थिएटरों में फिल्मों के वितरण को लेकर एक संतुलित और न्यायपूर्ण सिस्टम की सख्त जरूरत है। बड़ी फिल्मों को तो हमेशा पर्याप्त जगह मिल जाती है, लेकिन छोटी फिल्मों के लिए स्क्रीन मिलना किसी चुनौती से कम नहीं होता।
अगर वितरण प्रक्रिया में सुधार हो जाए, तो कंटेंट-ड्रिवन सिनेमा को भी आगे बढ़ने का मौका मिलेगा। इससे न सिर्फ नए कलाकारों और निर्देशकों को फायदा होगा, बल्कि दर्शकों को भी अलग-अलग और बेहतर कहानियां देखने को मिलेंगी।
हम सब जानते हैं, भारत का फिल्म उद्योग काफी बड़ा है। यहां हर हफ्ते कई भाषाओं में नई फिल्में रिलीज होती हैं। कुछ फिल्में बड़े बजट और मशहूर सितारों के साथ आती हैं। कुछ छोटी और कहानी प्रधान फिल्में सीमित संसाधनों के साथ बनाई जाती हैं। इन छोटी फिल्मों की सबसे बड़ी चुनौती होती है, थिएटर में जगह मिलना।
Published on:
02 Nov 2025 06:41 pm
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