हाईकोर्ट (Photo source- Patrika)
Bilaspur High Court: हाईकोर्ट ने प्रदेश के फार्मेसी कॉलेजों को बड़ी राहत देते हुए डी. फार्मेसी और बी. फार्मेसी कोर्स में 60 सीटों पर एडमिशन की सशर्त अनुमति दी है। यह आदेश शैक्षणिक सत्र 2025-26 के लिए लागू रहेगा। लेकिन कॉलेजों को 6 माह में कमियां दूर करनी होंगी। इसके बाद भी सुधार नहीं हुआ तो कॉलेजों पर यूनिवर्सिटी कार्रवाई करने के लिए स्वतंत्र होगी।
प्रदेश के 8 फार्मेसी कॉलेजों ने छग स्वामी विवेकानंद तकनीकी विवि के 3 अक्टूबर 2025 को जारी आदेश को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में याचिकाएं दायर की थी। यूनिवर्सिटी ने आदेश जारी कर कॉलेजों की सीटें घटाकर 60 से 30 कर दी थी। हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि कॉलेजों को अपने संस्थानों की कमियों को ६ महीने के भीतर दूर करना होगा, ऐसा नहीं करने पर आदेश निरस्त हो जाएगा।
सुनवाई के दौरान तकनीकी विश्वविद्यालय की ओर से बताया गया कि टीम के निरीक्षण में कई कॉलेजों में प्रिंसिपल, फैकल्टी, सुविधायुक्त लैब की कमी जैसी कई खामियां पाई थी। इसके आधार पर 1 अक्टूबर को कार्यपरिषद की 134 वीं बैठक में छात्रहित के मद्देनजर यह फैसला लिया गया। जबकि कॉलेजों का कहना था कि फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया ने पहले ही 60 सीटों की मंजूरी दी है। यूनिवर्सिटी को इसे घटाने का अधिकार नहीं है। उन्होंने विश्वविद्यालय के निर्णय को मनमाना और अधिकार क्षेत्र से बाहर बताया।
कोर्ट ने कॉलेजों को राहत देते हुए कहा कि फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया की अधिसूचना के अनुसार फिलहाल 60 सीटें ही स्वीकृत रहेंगी। कॉलेज इन सीटों पर 2025-26 सत्र के लिए काउंसिलिंग में भाग ले सकेंगे। छह महीने में सभी खामियां दूर नहीं की गई, तो यह आदेश स्वत: निरस्त हो जाएगा और विवि को कार्रवाई का पूरा अधिकार होगा।
Updated on:
18 Oct 2025 02:29 pm
Published on:
18 Oct 2025 02:28 pm
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