स्टार्टअप के साथ ही बीकानेर के युवा नए-नए आइडिया पर काम कर रहे है। इसमें फिर एआई हो या फिर कोई सेल्स का काम। कुछ पुराने कामों को भी युवाओं की ओर से नयापन देकर उन्हें आज के हिसाब से किया जा रहा है। युवाओं के इन्हीं आइडिया को सूचना प्रौद्योगिकी और संचार विभाग की ओर से संचालित आई-स्टार्ट प्राजेक्ट का भी साथ मिल रहा है। इस प्रोजेक्ट के तहत स्टार्टअप को शुरू करने से लेकर उसको आगे बढ़ाने तक का आइडिया दिया जा रहा है। इतना ही नहीं अगर कोई युवा नवाचार कर रहा है तो उन्हें ग्रांट भी उपलब्ध करवाया जा रहा है। इसके तहत शुरू में ऑफिस से लेकर नेटवर्किंग की भी सुविधा उपलब्ध करवाई जा रही है। ये ही वजह है कि बीकानेर में 2022 में शुरू हुए आई-स्टार्ट इन्क्यूबेशन सेंटर में अब तक बड़ी संया में युवा जुड़ चुके हैं। नवाचार और युवा उद्यमिता को प्रोत्साहित करने के लिए इस प्रोजेक्ट के तहत सरकार की ओर से वित्तीय सहायता प्रदान की गई है। यह संभाग में स्टार्टअप को बढ़ावा देने की दिशा में भी काफी महत्वपूर्ण है।
अब तक 160 से अधिक रजिस्ट्रेशन
आई-स्टार्ट इन्क्यूबेशन सेंटर के उपनिदेशक गगन भाटिया ने बताया कि सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग की ओर से संचालित प्रोजेक्ट के तहत युवा नए इनोवेशन कर रहे हैं। बीकानेर संभाग से अब तक 160 से अधिक स्टार्टअप पोर्टल पर रजिस्टर्ड हो चुके हैं, जो इस क्षेत्र में नवाचार और तकनीकी स्टार्टअप की तेजी से बढ़ती संया को दर्शाता है। वहीं इस बार 22 स्टार्टअप को राज्य सरकार की ओर से वित्तीय सहायता प्रदान की गई है। उन्होंने कहा कि सरकार का उद्देश्य ग्रामीण और शहरी युवाओं को स्टार्टअप के माध्यम से स्वरोजगार की ओर प्रेरित करना है।
तीन चरणों में वित्तीय सहायता
स्टार्टअप को तीन प्रमुख चरणों में वित्तीय सहायता दी जाती है। इनमें प्री सीड चरण में महिलाओं के लिए 3 लाख रुपए और अन्य के लिए 2.40 लाख रुपये तक अनुदान, सीड चरण में 60 लाख रुपये तक अनुदान तथा ग्रोथ स्टेज में 2 करोड़ रुपये तक कन्वर्टिबल लोन और 5 करोड़ रुपये तक इक्विटी सहायता उपलब्ध है। अभी तक 2022 से 2025 तक आई-स्टार्ट की ओर से करीब 1 करोड़ से अधिक की वित्तीय सहायता दी जा चुकी है।
इन क्षेत्रों में रुझान
मेंटर जयवीर सिंह शेखावत ने बताया कि आईटी, एग्रीटेक, एजुटेक, आईओटी, डिजिटल मार्केटिंग, सॉटवेयर, इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे विभिन्न क्षेत्रों में युवा अब अपनी खुद की कंपनियां स्थापित कर रहे हैं। साथ ही कई युवा इन्क्यूबेशन सेंटर में पंजीकृत स्टार्टअप से अब दूसरों को रोजगार भी प्रदान कर रहे हैं।
युवाओं ने साझा किए अनुभव
नितेश गोयल ने बताया कि आई स्टार्ट से वायबिलिटी ग्रांट प्राप्त हुआ। इससे नवाचार और विकास को आगे बढ़ाने में मदद मिली। इसकी बदौलत कंपनी को प्रदेश के 15 प्रभावशाली स्टार्टअप में शामिल किया गया। वहीं विपिन शर्मा ने बताया कि आइडिएशन और वायबिलिटी दोनों ग्रांट मिल चुकी है। इससे कंपनी को नवाचार के क्षेत्र में मजबूती मिली है।
Published on:
21 Sept 2025 06:04 pm
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