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बिजनौर में गोवर्धन पूजा की धूम! गोबर से बने पर्वत की पूजा, घर-घर सजा अन्नकूट और मंदिरों में भक्तों की भीड़

Bijnor News: यूपी के बिजनौर में गोवर्धन पूजा पारंपरिक श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाई गई। भक्तों ने घरों और मंदिरों में गोबर से गोवर्धन पर्वत बनाकर पूजा की और अन्नकूट का भोग लगाया। यह पर्व भगवान श्रीकृष्ण की उस लीला का स्मरण कराता है जब उन्होंने ब्रजवासियों की रक्षा के लिए गोवर्धन पर्वत उठाया था।

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बिजनौर में गोवर्धन पूजा की धूम! AI Generated Image

Govardhan Puja 2025 in Bijnor: बिजनौर में गोवर्धन पूजा का पर्व पारंपरिक उल्लास और भक्ति से मनाया गया। भगवान श्रीकृष्ण को समर्पित इस पावन अवसर पर घरों और मंदिरों में श्रद्धालुओं ने गाय के गोबर से गोवर्धन पर्वत बनाकर पूजा-अर्चना की।

अन्नकूट का भोग लगाकर भक्तों ने समृद्धि और प्रकृति के प्रति सम्मान का संदेश दिया। हर ओर जय श्रीकृष्ण के जयकारे गूंजते रहे और शहर का वातावरण भक्ति से सराबोर हो गया।

मंदिरों में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़

इस बार पंचांग के अनुसार कार्तिक प्रतिपदा तिथि में बदलाव के चलते बिजनौर में गोवर्धन पूजा बुधवार को आयोजित की गई। जिले के झाड़खंड महादेव मंदिर, मुक्तेश्वरनाथ मंदिर और अन्य धार्मिक स्थलों पर श्रद्धालुओं ने अन्नकूट महोत्सव के रूप में गोवर्धन पर्व मनाया। भक्तों ने प्रसाद वितरण कर समाज में प्रेम और एकता का संदेश दिया। पूरे जिले में सुबह से शाम तक मंदिरों में पूजा-अर्चना और भजन-कीर्तन का सिलसिला जारी रहा।

जब श्रीकृष्ण ने उठाया था गोवर्धन पर्वत

हिंदू धर्म ग्रंथों के अनुसार, भगवान श्रीकृष्ण ने ब्रजवासियों और गौवंश की रक्षा के लिए अपनी कनिष्ठा उंगली पर गोवर्धन पर्वत उठा लिया था। कथा के अनुसार, इंद्र देव के क्रोध से भारी वर्षा हुई, तब श्रीकृष्ण ने ब्रजवासियों को आश्रय देने के लिए यह चमत्कार किया। यह प्रसंग न केवल भक्ति का प्रतीक है, बल्कि प्रकृति और पशुओं की रक्षा का भी संदेश देता है।

भक्तों ने अपने घरों के आंगन में गोबर से गोवर्धन पर्वत का चित्र बनाकर पूजा की। थालियों में रोली, चावल, बताशे, खील, दूध, फूल और दीपक रखकर भगवान श्रीकृष्ण की आराधना की गई। भक्तों ने सात परिक्रमा की और दीप जलाकर आरती उतारी। भोग में दूध, दही, शहद, घी और पंचामृत चढ़ाकर श्रद्धालुओं ने भगवान के प्रति अपनी आस्था व्यक्त की।


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