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मंच पर छलक उठे चंद्रशेखर आजाद के आंसू, रोहिणी बोलीं- अब रोने से कुछ नहीं होगा, दर्द बहुत गहरा है

Chandrashekhar Azad Emotional Response: सांसद चंद्रशेखर आजाद प्रयागराज में मंच पर भावुक हो गए और रोहिणी घावरी के आरोपों का जवाब दिया। इसी के उन्होंने दलित समाज पर बढ़ते अत्याचार पर चिंता जताई है।

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Chandrashekhar azad emotional response rohini ghavri allegations

मंच पर छलक उठे चंद्रशेखर आजाद के आंसू | Image Source - 'X' @DrRohinighavari

Rohini Ghavri Allegations: नगीना सीट से सांसद चंद्रशेखर आजाद प्रयागराज के कादिलपुर स्थित राजरानी गार्डन में आयोजित प्रबुद्धजन सम्मेलन में दलितों के मुद्दों पर बोलते-बोलते मंच पर ही भावुक हो गए। उन्होंने कहा, “मेरे भाइयों पर लाठियां बरसाई जा रही हैं। उन्हें अपमानित किया जा रहा है।” इस दौरान उन्होंने अपना चश्मा उतारकर आंसू पोंछे और जनता के सामने अपनी पीड़ा साझा की।

पूर्व प्रेमिका के आरोपों पर चंद्रशेखर का जवाब

सांसद ने रोहिणी घावरी के सोशल मीडिया पर लगाए गए आरोपों का भी जवाब मंच पर दिया। उन्होंने कहा कि निजी विवादों के बावजूद उनका ध्यान दलितों और पिछड़े समाज के हक के लिए संघर्ष पर केंद्रित है। उन्होंने भावुक होकर कहा कि उनकी जिम्मेदारी समाज के हर पीड़ित व्यक्ति तक पहुंच बनाने की है।

दलितों पर अत्याचार और संघर्ष की जरूरत

सांसद ने कहा, “दलित समाज दबने वाला नहीं है। पता नहीं कल कौन-सी लाठी या जूता हमारे सम्मान पर पड़ेगा, लेकिन हम पीछे नहीं हटेंगे। हमारे बड़े नेता कमजोर पड़ गए हैं, इसलिए आज संघर्ष की जरूरत और बढ़ गई है।” उन्होंने CJI पर जूता फेंकने की घटना का जिक्र करते हुए कहा कि यह सिर्फ एक व्यक्ति पर नहीं बल्कि पूरे दलित और पिछड़े समाज के अपमान की पहचान है।

पूर्व प्रेमिका रोहिणी घावरी का दर्द

इसके बाद रोहिणी घावरी ने ट्विटर पर लिखा, “अब रोने से कुछ नहीं होगा। मुझे भी बहुत ख़ून के आंसू रुलाए हैं। अपनी ज़िंदगी का सबसे बुरा दौर मैंने अकेले यहाँ विदेश में सहा है। भूलूँगी नहीं वो दिन। आज भी रात में रो कर ही सोती हूँ। मुझे इतने बड़े विश्वासघात की तकलीफ़ है। पूरी ईमानदारी से साथ निभाने के बदले मुझे छल मिला बस।”

चंद्रशेखर आजाद के मंच पर भावुक होने और रोहिणी घावरी के आरोपों पर प्रतिक्रिया देने के बाद यह मामला मीडिया और जनता के बीच तेजी से चर्चा में आ गया। सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल हो गया है, जिसमें सांसद की आंखों में आंसू और गंभीर भाव साफ नजर आ रहे हैं।

राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि यह घटना न केवल व्यक्तिगत विवादों को उजागर करती है, बल्कि दलित और पिछड़े समाज के मुद्दों पर राजनीतिक दलों की संवेदनशीलता और संघर्ष को भी सामने लाती है।


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