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CG Paddy Procurement: धान खरीदी का बहिष्कार करेंगे सहकारी समितियों के कर्मचारी, 3 नवंबर से आंदोलन की चेतावनी

CG Paddy Procurement: छत्तीसगढ़ की सहकारी समितियों के कर्मचारी अपनी चार प्रमुख मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ आंदोलन की तैयारी में हैं।

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धान खरीदी का बहिष्कार (Photo source- Patrika)

धान खरीदी का बहिष्कार (Photo source- Patrika)

CG Paddy Procurement: प्रदेश की सहकारी समितियों के कर्मचारी अब सरकार के खिलाफ संघर्ष के मूड में नज़र आ रहे हैं। अपनी चार सूत्रीय प्रमुख मांगों को लेकर उन्होंने स्पष्ट चेतावनी दी है कि यदि मांगों का निराकरण शीघ्र नहीं किया गया, तो वे 3 नवंबर 2025 से चरणबद्ध आंदोलन की शुरुआत करते हुए अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे। इसके साथ ही धान खरीदी कार्य का पूर्ण बहिष्कार भी किया जाएगा।

CG Paddy Procurement: आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा

कर्मचारियों ने अपनी मांगों संबंधी ज्ञापन मुख्यमंत्री के नाम डिप्टी कलेक्टर दिलीप उइके को सौंपा। छत्तीसगढ़ सहकारी समिति कर्मचारी महासंघ 6685 के बैनर तले सौंपे गए इस ज्ञापन में वित्तीय अनियमितताओं, कर्मचारियों की समस्याओं और समितियों की जमीनी दिक्कतों को प्रमुखता से उठाया गया है। कर्मचारियों ने कहा कि सरकार की उदासीनता से समितियों का संचालन प्रभावित हो रहा है और कर्मचारियों को आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है।

यदि समय रहते मांगें नहीं मानी गईं, तो धान खरीदी व्यवस्था चरमरा सकती है, जिसका सीधा असर किसानों पर पड़ेगा। ज्ञापन सौंपते समय जिला सहकारी समिति के अध्यक्ष अलमरान खान, उपाध्यक्ष योगेश शर्मा, संदीप साहू, मनीष झाड़ी, प्रसाद राव, गोपाल लबाड़ी, भास्कर वेमुला, चितेश्वर बनपेला, के.जी. परीक्षित सहित बड़ी संख्या में कर्मचारी उपस्थित रहे।

3 नवंबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल की चेतावनी

CG Paddy Procurement: धान खरीदी वर्ष 2023-24 और 2024-25 का संपूर्ण धान सुखत की राशि समितियों को दी जाए। परिवहन में देरी रोकने के लिए प्रत्येक सप्ताह संपूर्ण धान का परिवहन सुनिश्चित किया जाए। साथ ही कमीशन, शून्य सार्टेज प्रोत्साहन राशि और सुरक्षा एवं भंडारण व्यय बढ़ाने की मांग की गई है।

आउटसोर्सिंग के माध्यम से कंप्यूटर ऑपरेटरों की नियुक्ति पर तत्काल रोक लगाई जाए, तथा पहले से कार्यरत ऑपरेटरों को विभागीय रूप से नियमित किया जाए।

मध्यप्रदेश सरकार के तर्ज पर प्रत्येक समिति को 3-3 लाख रुपये का प्रबंधकीय अनुदान दिया जाए।

समितियों में नई भर्ती पर रोक लगाकर पदोन्नति के माध्यम से वर्तमान कर्मचारियों को नियुक्ति का अवसर प्रदान किया जाए।


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