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नए बिजली उपभोक्ताओं को मिलेगा ‘प्रीपेड कनेक्शन’, शाम को 4 घंटे कट नहीं होगी आपूर्ति

MP News: मध्य क्षेत्र में भोपाल, नर्मदापुरम, ग्वालियर-चंबल संभाग के 16 जिलों में 4 लाख, 33 हजार 934 स्मार्ट मीटर लगाए हैं....

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फोटो सोर्स: पत्रिका

फोटो सोर्स: पत्रिका

MP News: मध्यप्रदेश के हर घर में बिजली की प्रीपेड व्यवस्था दो साल बाद 2028 तक होगी। स्मार्ट मीटर लगाने की समय सीमा मार्च 2028 तक बढ़ाने के बाद मप्र विद्युत नियामक आयोग इसी सीमा में स्मार्ट मीटर को प्रीपेड में बदलने की प्रक्रिया करेगा। प्रदेशभर के 1.37 करोड़ उपभोक्ताओं के घरों में पूरी तरह स्मार्ट मीटर लगाने में फेल बिजली कंपनियों के कारण नई मियाद तय की गई है।

अब तब घरों में स्मार्ट मीटर लगाने की मियाद जून 2026 तय थी। लेकिन जिम्मेदारों की धीमी रफ्तार से 22.78 लाख स्मार्ट मीटर ही लग सके। ऐसे में अगले साल तक लक्ष्य पूरा करने में संशय है। सबसे पहले सरकारी दफ्तरों में लगे स्मार्ट मीटर को प्रीपेड किया जाएगा। स्मार्ट मीटर को प्रीपेड करने संबंधी आयोग गाइडलाइन जारी कर चुका है।

उधर मप्र विद्युत नियामक आयोग के सचिव उमाकांत पांडा ने कहा कि स्मार्ट मीटर प्रोजेक्ट की समय सीमा बढ़ी है। प्रीपेड बिजली भी इससे ही जोड़ी गई है। आयोग इसे लेकर जरूरी दिशा निर्देश व प्रक्रिया तय करेगा। आयोग की निगरानी सतत बनी रहेगी।

अभी ये है स्थिति

अब तक प्रदेश भर में 22.78 लाख स्मार्ट मीटर लगाए गए हैं। मध्य क्षेत्र में भोपाल, नर्मदापुरम, ग्वालियर-चंबल संभाग के 16 जिलों में 4 लाख, 33 हजार 934 स्मार्ट मीटर लगाए हैं। इनमें सबसे अधिक भोपाल शहर वृत्त में 1 लाख 62 हजार 320 स्मार्ट मीटर लगाए गए हैं। पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी में 9.20 लाख और पूर्व क्षेत्र में 9.25 लाख स्मार्ट मीटर लगाए गए हैं। लेकिन पूरे प्रदेश में 1.14 करोड़ और स्मार्ट मीटर लगाए जाने हैं। इसके बाद सभी प्रीपेड में तब्दील किए जाएंगे। इसी के लिए 2028 तक की सीमा बढ़ाई गई है।

नए उपभोक्ताओं को प्रीपेड कनेक्शन

अब यह भी तय किया जा रहा है कि नए उपभोक्ताओं को बिजली कनेक्शन स्मार्ट प्रीपेड मीटर के साथ दिए जाएंगे। मौजूदा पोस्टपेड मीटरों को भी चरणबद्ध तरीके से प्रीपेड स्मार्ट मीटर से बदला जाएगा। हालांकि उपभोक्ताओं को विकल्प भी दिया जाएगा। वे प्रीपेड मीटर प्रणाली अपनाने के बाद पोस्टपेड प्रणाली में वापस जा सकेंगे।

प्रीपेड सिस्टम के लिए आयोग की गाइडलाइन

  • प्रीपेड स्मार्ट मीटर उपभोक्ता को दैनिक आधार पर बिजली खपत और शेष राशि की जानकारी देनी होगी।
  • विभिन्न माध्यमों से रीचार्ज सुविधा, कम बैलेंस पर अलर्ट।
  • रिचार्ज की अधिकतम सीमा नहीं होगी।
  • नए प्रीपेड कनेक्शन के लिए एनर्जी सिक्योरिटी डिपॉजिट की जरूरत नहीं।
  • बैलेंस शून्य या नेगेटिव होने पर बिजली आपूर्ति स्वत: बंद हो जाएगी। रिचार्ज के लिए 3 दिनों का ग्रेस।
  • घरेलू प्रीपेड उपभोक्ताओं के लिए सब्सिडी के पात्र उपभोग सीमा में रहने तक स्वत: आपूर्ति कटऑफ नहीं करेगा।
  • स्मार्ट प्रीपेड मीटर शाम 6 से रात 10 बजे के बीच स्वत: आपूर्ति कट नहीं करेगा।

भरोसा हो ऐसी प्रक्रिया जरूरी

बिजली कंपनी के रिटायर्ड जीएम वीकेएस परिहार की मानें तो स्मार्ट मीटर खासकर प्रीपेड बिजली भुगतान उपभोक्ता के लिए नई बात होगी। बिजली इस्तेमाल करने के बाद बिल जमा करने की आदत को बदलना आसान नहीं है। स्मार्ट मीटर का ही विरोध हो रहा है। नई तकनीक को लेकर आमजन तक बात पहुंचानी होगी। उन्हें भरोसे में लेना जरूरी है।