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‘सोयाबीन की बात करने आए थे और बोरा गेहूं का ले आए…’ पटवारी के प्रदर्शन पर शिवराज का पलटवार

MP News: केंद्रीय कृषि मंत्री और मध्यप्रदेश के पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान ने जीतू पटवारी पर निशाना साधते हुए कहा कि केवल मीडिया में दिखने के लिए नौटंकी करनी थी तो माइक लगाकर किसान किसान चिल्लाएंगे, फिर चले जाएंगे।

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MP News: मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में बीते दिनों पीसीसी चीफ जीतू पटवारी ने केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान के बंगले पर प्रदर्शन किया था। जिसके बाद पटवारी समेत 25 लोगों पर एफआईआर दर्ज कर ली गई थी। इस पर शिवराज सिंह चौहान ने एक न्यूज चैनल के माध्यम से प्रतिक्रिया दी है।

क्या बोले शिवराज

केंद्रीय मंत्री और मध्यप्रदेश के पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान से सवाल किया गया कि भोपाल में आपके घर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष बोरा लेकर आ गए थे, उस बोरे में क्या था? इस पर शिवराज सिंह ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि मैं तो हर एक का स्वागत करता हूं। वो आए तो मैंने कहा अंदर बुलाओ, बाहर क्यों? लोकतंत्र है मामा सबसे मिलेगा। मैं पंजाब में मिलकर आ गया तो मध्य प्रदेश में मुझे क्या दिक्कत है? अब वो अकेले आए तो मैं बाहर गया ढूंढने के लिए कि किसान कहां हैं। किसानों को भी बुला लो घर में अंदर बिठा लो। मैं खुद बाहर से लेने गया कि आओ भाई आओ। बैठो और बात करो, उसमें क्या दिक्कत है।

माइक लगाकर किसान-किसान चिल्लाएंगे...फिर चले जाएंगे

इसके बाद शिवराज सिंह से सवाल किया गया कि वो (जीतू) बोरा लेकर आए थे उन्हें लगा कि आप शायद उनकी बात नहीं सुनेंगे? आपने तो सुन ली? इस शिवराज सिंह ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि मैं तो हर एक की बात सुनता हूं लेकिन बात में वजन हो। वो बात करने आए थे सोयाबीन की और बोरा लेकर आ गए गेहूं का.... और पूरे साजो समान के साथ, दो-दो, तीन-तीन माइक लगाए। उनका किसानों से कोई वास्ता नहीं था। कोई लेना-देना नहीं था। केवल मीडिया में दिखने के लिए नौटंकी करनी थी तो माइक लगाकर किसान किसान चिल्लाएंगे, फिर चले जाएंगे। मैंने कहा बैठो तथ्य दो, तर्क दो।

पटवारी ने भी किया पलटवार

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर जीतू पटवारी ने लिखा कि प्रिय शिवराज जी, मुझे बहुत दुख के साथ फिर कहना पड़ रहा है कि आपकी बात/बयान में अभी भी उसी फरेब की सियासत है, जिसकी सजा मेरे मध्यप्रदेश के किसान भुगत रहे हैं। पहले मप्र के मुख्यमंत्री, अब केंद्रीय कृषि मंत्री के रूप में आप असली मुद्दों से ध्यान भटका रहे हैं। अभी प्रदर्शन की समीक्षा, प्राथमिकता नहीं है! जरूरी हैं, मेरे किसानों के सवाल।

असल मुद्दों पर आपकी जुबान नहीं चलेगी- पटवारी

आगे पटवारी ने कहा कि मैं जानता हूं कि असल मुद्दों पर आपकी जुबान नहीं चलेगी। क्योंकि, आपमें सच स्वीकार करने का न साहस है और न ही सलीका। इसलिए, आप सच से ऐसे ही परहेज़ करते रहें। किसान अधिकार की आवाज मेरा लोकतांत्रिक अधिकार है। मैं अपना काम करता रहूंगा। कहीं किसी जरूरी कागज में लिख भी लीजिए! फिर आऊंगा! नए सवाल भी साथ लाऊंगा।