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5 लोगों को जीवन दे गया 37 वर्षीय ‘ब्रेन डेड’, 7 माह के नवजात की ‘देहदान’ बनी मिसाल

MP News: अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में अंगदान का नया अध्याय, पांच को मिला जीवनदान...

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MP News: पार्थिव देह को पुलिस दल और एस की ओर से गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। प्रक्रिया को एस के कार्यपालक निदेशक प्रो. (डॉ.) माधवानंद कर, अन्य अधिकारियों के मार्गदर्शन में पूरा किया गया। (फोटो: पत्रिका)

MP News: अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में रविवार को अंगदान का नया अध्याय लिखा गया। 37 वर्षीय ब्रेन डेड व्यक्ति के अंगदान ने पांच को नया जीवन दिया। सिर में गंभीर चोट लगने पर डॉक्टरों ने दो बार जांच की। इसके बाद ब्रेन डेड घोषित किया। परिजन ने अंगदान (Organ Donation) की सहमति दी। रविवार सुबह 6.30 बजे अंग निकालने की प्रक्रिया शुरू की गई। इसके बाद प्रत्यारोपण किया गया।

41 साल के मरीज को मिला 'दिल'

एम्स में भर्ती 41 वर्षीय मरीज में प्रत्यारोपित किया गया। यह एम्स में तीसरा हार्ट ट्रांसप्लांट था। इसके लिए डॉ. मोहन यादव और एम्स की ओर से आर्थिक सहायता दी गई।

'किडनी' ने बचाई 30 साल के मरीज जान, दो को मिल सकेगी रोशनी

एक किडनी एम्स में भर्ती 30 वर्षीय मरीज को प्रत्यारोपित की गई। दूसरी किडनी बंसल अस्पताल भेजी गई। नेत्र रोग विभाग की टीम ने दो कॉर्निया प्राप्त किए। दो को रोशनी मिल सकेगी।

ये केस भी बना मिसाल, गार्ड ऑफ ऑनर के साथ अंतिम विदाई

एम्स (AIIMS Bhopal) में एक दंपती ने साहस और मानवता की मिसाल पेश की। 7 माह के नवजात बच्चे का देहदान किया। राजगढ़ निवासी शाल्वी पुत्री अजय पाराशर का 7वें माह में गर्भपात हो गया था। शाल्वी और परिजन ने पीड़ा को मानवतावादी उपहार में बदलने का निर्णय लिया। एम्स में नवजात को गार्ड ऑफ ऑनर (Guard of honour) दिया गया। परिजन ने बच्चे के देहदान का विचार किरण फाउंडेशन के साथ साझा किया। डॉ. राकेश भार्गव के सहयोग से यह प्रक्रिया पूरी की गई।