
Patrika Group Editor in Chief Gulab Kothari in Bhopal tomorrow
Patrika Keynote: पत्रिका समूह के संस्थापक श्रद्धेय कर्पूर चंद्र कुलिश के जन्म शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में पत्रिका समूह की ओर से भोपाल में पत्रिका की-नोट कार्यक्रम (patrika keynote) का आयोजन मंगलवार 28 अक्टूबर को किया जा रहा है। पं. खुशीलाल शर्मा शासकीय आयुर्वेद महाविद्यालय एवं संस्थान, भोपाल के सभागार में प्रात: 10.30 बजे से कार्यक्रम शुरू होगा।
एमपीकी राजधानी भोपाल में आयोजित पत्रिका कीनोट के तहत संवाद की इस शृंखला में लोकतंत्र और मीडिया विषय पर मंथन होगा। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि कानून एवं न्याय मंत्री, भारत सरकार अर्जुन राम मेघवाल रहेंगे। मुख्य वक्तव्य पत्रिका समूह के प्रधान संपादक गुलाब कोठारी देंगे। कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ समाजसेवी और उद्योगपति विनोद अग्रवाल करेंगे।इस अवसर पर प्रोफेसर डॉ. सुरेश कुमार जैन, कुलगुरु बरकतउल्ला विश्वविद्यालय, भोपाल और भावना मिश्रा डेहरिया, पर्वतारोही एवं मोटिवेशनल स्पीकर मौजूद होंगी।
पत्रिका समूह के संस्थापक श्रद्धेय कर्पूर चंद्र कुलिश के जन्म शताब्दी वर्ष के तहत पत्रिका समूह की ओर से भोपाल में बुधवार 29 अक्टूबर को ‘स्त्री: देह से आगे’ विषय पर विशेष संवाद कार्यक्रम होगा। यह कार्यक्रम एलएनसीटी यूनिवर्सिटी, कोलार रोड, भोपाल के सह संयोजन में यूनिवर्सिटी के सभागार में सुबह साढ़े दस बजे से होगा। इस अवसर पर पत्रिका समूह के प्रधान संपादक गुलाब कोठारी प्रदेशभर की छात्राओं, विविध समाज व संगठनों की महिलाओं व लोगों से संवाद करेंगे।
‘स्त्री: देह से आगे’ कार्यक्रम मातृशक्ति को उजागर करने वाला है। कोठारी देशभर में महिला समूहों से संवाद कर रहे हैं। वे कहते हैं कि हर मां के पास अपनी संतान को देखने की सूक्ष्म दृष्टि होती है। मां ही है जो संस्कार देती है। सही मायने में मां की भूमिका इतनी बड़ी है कि उसे देवता भी नहीं समझ सकते।
इन्हीं बिंदुओं पर बात करते हुए कोठारी स्त्री के अस्तित्व, दिव्यता और उसकी महत्ता पर वैज्ञानिक दृष्टिकोण से विचार साझा करेंगे। इस कार्यक्रम का उद्देश्य स्त्री को मात्र देह के रूप में देखने की सीमित सोच से आगे बढ़ते हुए उसके बौद्धिक और आत्मिक पक्ष को समझना है।
कोठारी सामाजिक न्याय और पंथ निरपेक्षता के प्रति समर्पित नैतिक, सामाजिक, सांस्कृतिक एवं आध्यात्मिक मूल्यों को बढ़ावा देने के सदैव पक्षधर रहे हैं। अपने लेखन से वे समाज की दिशा और दशा में परिवर्तन की आवश्यकता को रेखांकित करते रहे हैं। अपने गहन अध्ययन, ज्ञान, अनुभव व चिंतन के आधार पर वे व्यक्ति और समाज के सर्वांगीण विकास की रूपरेखा प्रस्तुत करते हैं।
Updated on:
27 Oct 2025 12:37 pm
Published on:
27 Oct 2025 11:13 am
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